दुकानदार मामला : HC ने कहा लॉ एंड ऑर्डर के कारण दुकानों का हटाना हल नहीं, RMC और सरकार से मांगा जवाब
टाटा स्टील प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के उदासीन रवैये से संघ आहत
इस मौके पर संघ के अध्यक्ष चैतन्य चौसा मुखी ने कहा कि टाटा स्टील प्रबंधन द्वारा सफाई कर्मियों की सीधी भर्ती बंद कर सफाई कार्य जैसे स्थायी कार्य को एक साजिश के तहत अस्थायी कार्य में तब्दील कर दिया गया है जो सरासर अन्याय है. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के उदासीन रवैये से संघ आहत है. पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां ने बताया कि प्रारंभिक दौर से ही दलित आदिवासी साफ-सफाई का कार्य स्थायी कर्मचारी के रूप में करते आ रहे हैं. लेकिन साजिश के तहत टाटा स्टील द्वारा हेल्थ डिपार्टमेंट को बंद कर 2004 में जुस्को हेल्थ विभाग बनाया गया और परमानेंट नेचर ऑफ जॉब को टेंपरेरी जॉब के रूप में तब्दील कर लोगों से काम लिया जाने लगा.सफाई कर्मियों के लिये शिक्षा की अनिवार्यता दलित आदिवासियों के साथ नाइंसाफी
पूर्व मंत्री ने बताया कि कंपनी में निबंधित पुत्रों की भर्ती के लिए मैट्रिक पास अनिवार्य कर दिया गया है. जिसके कारण अधिकांश दलित आदिवासी सफाई कर्मी के निबंधित पुत्र स्वतः बाहर हो गए. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों के लिये शिक्षा की अनिवार्यता दलित आदिवासियों के साथ नाइंसाफी है. उन्होंने कहा कि 3 मार्च को टाटा स्टील निबंधित कर्मचारी पुत्र संघ द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा. प्रेस वार्ता में उमेश मुखी, हेमंत नाम, विजय नायक सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें: यूक्रेन">https://lagatar.in/the-effect-of-ukraine-crisis-was-visible-on-the-indian-stock-market-9-point-1-lakh-crores-of-investors-drowned-in-5-days/">यूक्रेनसंकट का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखा, 5 दिन में निवेशकों के डूबे 9.1 लाख करोड़ [wpse_comments_template]

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