- अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य को सौंपा 15 सूत्री मांग पत्र
Jamshedpur (Sunil Sharma) : माझी परगना माहाल, पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, धाड़ दिशोम का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को देश परगना बाबा बैजू मुर्मू के नेतृत्व में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा से जिला सभागार में मिला. इस दौरान उन्हें 15 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. जिसमें आदिवासी समुदाय को संविधान में प्रदत जल, जंगल व जमीन से जुड़े अधिकारों का हनन की बात कही गई. जिससे आदिवासी समाज मर्माहत एवं आक्रोशित है. कहा कि झारखंड प्रदेश में पेसा कानून को अविलंब लागू किया जाए. साथ ही सीएनटी, एसपीटी, सामता जजमेंट को सख्ती से लागू किया जाए. प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से बना रहे वोटर कार्ड, आधार कार्ड, राशनकार्ड आदि सरकारी दस्तावेज को रोका जाए. पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा गैर कानूनी तरीके से में बनाए जा रहे ग्राम प्रधान का मान्यता निरस्त करते हुए पारम्परिक परगना बाबा, मानकी बाबा द्वारा प्रमाणित पारंपरिक माझी बाबा, मुंडा बाबा एवं समाज के अगुआ को ही मान्यता दिया जाए.
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संथाल परिवारों के साथ मारपीट के दोषियों पर कार्रवाई की मांग
आदिवासियों का धार्मिक धरोहर बोकारो जिला अंतर्गत लुगू बुरु घंटा बड़ी, गिरीडीह स्थित मारांबुरु, पारसनाथ को आदिवासियों के नाम नोटिफिकेशन जारी करते हुए संरक्षित किया जाए. आदिवासी महिला जब गैर आदिवासी सदस्यों से शादी करती है तो स्वत: ही उसका जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किया जाए. उनके संतानों के जाति प्रमाण पत्र गैर आदिवासी पुरुष के घर से ही बनाया जाए. पाकुड़ जिला के गायबथान गांव में आदिवासी संथाल परिवारों के साथ मुस्लिम समुदाय द्वारा मारपीट करने वाले दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में देश पारानिक दुर्गा चरण मुर्मू, जोगो देश पारानि बाबा बिन्दु सोरेन, दिपक मुर्मू, लखन मार्डी, पंचानन सोरेन, निबाई बास्के, मधु सोरेन, सुरेंद्र टुडू आदि काफी संख्या में समाज के लोग शामिल थे.