Jamshedpur (Sunil Pandey) : आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण कराया जाएगा. इस आशय का आदेश भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से सभी जिलों को भेजा गया है. मंत्रालय के आदेश के बाद सरोवर निर्माण के लिए कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई हैं. पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रखंडवार स्थल चयन कर लिया गया है. तालाब निर्माण से पहले ग्रामसभा करके इसकी स्वीकृति प्राप्त की जाएगी. न्यूनतम एक एकड़ 0.4 हेक्टेयर में इस सरोवर का निर्माण किया जाएगा. इसकी क्षमता 10 हजार घनमीटर पानी की होगी. 15 अगस्त 2022 तक 40 फीसदी तालाब बनाये जाएंगे. जबकि बचे हुए 60 फीसदी का निर्माण 15 अगस्त 2023 तक पूरा किया जाएगा.
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15 वें वित आयोग की राशि से होगा निर्माण
अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के निर्माण में 15 वित आयोग की राशि का इस्तेमाल होगा. जलाशयों के निर्माण व जीर्णोद्धार को लेकर स्थल चयन का काम निजी संस्था को सौंपा गया है. इस पर जल जमाव वाले स्थलों का जीआईएस मैपिंग की गई है. वहीं अमृत सरोवर पोर्टल भी बनाया गया है. जिला स्तर से प्रशासिनक व तकनीकी पदाधिकारियों का दल संबंधित स्थलों का भौतिक सत्यापन कर अंतिम निर्णय लेगा. पंचायतों में सरोवर निर्माण के साथ-साथ आसपास पौधारोपण किया जाएगा. पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन और वाटर रिचार्ज के लिहाज से यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. जलाशयों को ग्राम पंचायतों के लिए पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा. इसे लेकर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व तकनीकी पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया गया है.
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कमिटी में ये अधिकारी हैं शामिल
अमृत सरोवर योजना के तहत होने वाले तालाब निर्माण की निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई गई है. कमिटी में वन प्रमंडल पदाधिकारी सदस्य होंगे. जबकि उप विकास आयुक्त सदस्य सचिव, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, पेयजल, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई, तकनीकी विशेषज्ञ जलछाजन आदि उपायुक्त द्वारा मनोनीत सदस्य होंगे.
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इन विभागों के समन्वय से होगा काम
जिले में इस योजना के तहत अब तक कुल 96 तालाब चिन्हित किए गए हैं. इसमें बहरागोड़ा से 12, बोड़ाम में 03, चाकुलिया में 15, धालभूमगढ़ में 04, डुमरिया में 01, घाटशिला में 10, जमशेदपुर में 19, गुड़ाबांदा में 03, मुसाबनी में 04, पटमदा में 13 तथा पोटका में 12 तालाब शामिल हैं. उप विकास आयुक्त प्रदीप प्रसाद ने बताया कि योजना के लिए स्थल चयन कर लिया गया है. ग्रामीण विकास, पंचायती राज, जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता, वन्य, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, कला एवं संस्कृति, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता आदि विभागों के समन्वय से योजना पूरी की जाएगी.