Jamtara : दुमका रोड धांधड़ा स्थित मदरसा जामिया मिस्बाह लील बनात में मोमिन कॉन्फ्रेंस के जामताड़ा जिला अध्यक्ष हाफिज नाजिर हुसैन की अध्यक्षता में शहादत दिवस मनाया गया. इस अवसर पर सैकड़ों जरूरतमंद गरीब महिलाओं के बीच वस्त्र एवं गर्म कपड़े बांटे गए. शेख भिखारी की जीवनी को याद करते हुए जिला अध्यक्ष हाफिज नाजिर हुसैन ने बताया कि राजा टिकैत उमराव एवं शहीद शेख भिखारी ने अंग्रेज़ी सेना के दांत खट्टे कर डाले थे. आज उनका पवित्र शहादत दिवस है.
हिंदुस्तान को गुलामी से बचाने के लिए मोमिनो ने जो कुर्बानी दी है, वह आज भी दुनिया को याद है. 1857 की जंग ए आजादी में लड़नेवाले शेख भिखारी अंसारी का जन्म 1831 ई में रांची जिला के होक्टे गांव में एक बुनकर मोमिन खानदान में हुआ था़. बचपन से वह अपने खानदानी पेशा मोटे कपड़े तैयार कर और हाट बाजार में बेचकर परिवार की परवरिश करते थे़.
20 वर्ष की उम्र में उन्होंने छोटानागपुर के महाराज के यहां नौकरी कर ली. परंतु कुछ ही दिनों के बाद उन्होंने राजा के दरबार में एक अच्छा मुकाम हासिल कर लिया. 08 जनवरी 1858 को आजादी के आलम ए बदर शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह को चुट्टूपहाड़ी के बरगद के पेड़ से लटकाकर फांसी दे दी गई. वह पेड़ आज भी सलामत है. इस अवसर पर कुरेश अंसारी, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष अकबर अंसारी, मौलाना मुस्तफा हाफिज, अलीमुद्दीन अंसारी आदि कई मौजूद थे.
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