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`क्रांति ज्योति` को किया याद
इधर जामताड़ा के करमाटांड़ प्रखंड अंतर्गत ताराबहाल पंचायत स्थित कमारडीह गांव में अम्बेडकर क्लब के द्वारा राष्ट्रीय माता सावित्री बाई फुले की 191वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. दर्जनों महिलाओं के द्वारा सावित्री बाई फुले की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करके श्रधांजलि दी गई. जिसमें मुख्य रूप से युवा समाजसेवी परमेश्वर दास उपस्थित थे. परमेश्वर दास ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि वह देश की क्रांति ज्योति थी. सावित्रीबाई फुले ने 1848 में पुणे में लड़कियों का स्कूल खोला. इसे देश में लड़कियों का पहला स्कूल माना जाता है. उन्होंने रुढ़िवादी समाज में नारी शिक्षा के लिए नौ बालिकाओं को लेकर पुणे में कन्या पाठशाला की शुरुआत की थी. लोगों के विरोध के बावजूद वे निरंतर शिक्षा के प्रचार-प्रसार में लगी रहीं. छुआछूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह, विधवा-विवाह अंधविश्वास जैसी कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन किया. साथ ही बीमारी फैलने पर अस्पताल खोलकर लोगों की सेवा की और इसी दौरान बीमारी से ग्रसित भी हो गईं. उनकी प्रेरणा से नारी शिक्षा को बढ़ावा मिला. इस मौके पर दुलाल दास, रोशनलाल दास, सहदेव दास, बालकिशन दास, चौधरी दास, अभिजीत दास, सहिया लीला देवी, पूर्व वार्ड सदस्य सुमित्रा देवी, बालिका दासी, शांति देवी, सरिता देवी प्रतिमा देवी, बिनोद दास आदि उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें- जामताड़ा">https://lagatar.in/demand-for-honorarium-payment-of-untrained-mercury-teachers-in-jamtara/14863/">जामताड़ामें अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान की उठी मांग