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जयंत के सिर चढ़कर बोल रहा क्रिकेट का जुनून, मात्र 26 महीने में ही दिखा रहा फुटवर्क का कमाल

Bokaro: वैसे क्रिकेट तो ज्यादातर भारत के लोगों का प्रिय खेल है. भले ही वे खुद नहीं खेलते हों, लेकिन लोगों में क्रिकेट को लेकर दिलचस्पी बहुत है. यहां क्रिकेट के प्रति लोगों का जुनून सर चढ़कर बोलता है. तभी तो यहां गली गली में मास्टर ब्लास्टर अपना हुनर का प्रदर्शन करते दिख जाते हैं. ठीक ऐसा ही जुनून चास प्रखंड के कुरा मोड़ स्थित बिरटांड के 26 महीने के एक बच्चे में देखने को मिला है. जो बड़े-बड़े शॉट भी लगाता है. क्रिकेट के प्रति समझ इस बच्चे की बल्लेबाजी को देख कर लगाया जा सकता है. बच्चे का फुटवर्क भी कमाल का है. ये अबोध बच्चा आगे चलकर विराट कोहली की तरह बनना चाहता है.

26 महीने के जयंत का क्रिकेट को लेकर जुनून

इस अबोध बच्चे का नाम जयंत कुमार है. जिसके पिता अमित कुमार बताते हैं कि जयंत में क्रिकेट को लेकर जुनून बचपन से ही रहा है. बच्चे के पिता बताते हैं कि जयंत जब नौ महीने का था तभी से इसमें क्रिकेट को लेकर लगाव देखने को मिला. जब वह मोबाइल में विराट कोहली की बल्लेबाजी देखता तो उसने बैट लेने की जिद कर ली. उसके बाद उसके बैट की मांग को पूरा किया गया. जिसके बाद से वह घर के सामने ही खुले मैदान में बल्लेबाजी करने लगा. वह सुबह शाम सिर्फ क्रिकेट खेलने की जिद्द करता है. शॉर्ट भी वह लंबे लंबे लगाता है. यही नहीं उसका फुटवर्क देख लोग भी हैरान हैं. बच्चे के पिता ने बताते हैं कि उसे क्रिकेट नहीं खेलने दिया गया तो वह खाना पीना तक छोड़ देता है.

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बच्चे में क्रिकेट का हुनर देख माता-पिता हैं खुश

पिता बताते हैं कि बच्चे के जन्म के समय से ही वह दोनों पैर से लाचार था. इसका इलाज कराया गया और कई महीनों तक उसके पैर में प्लास्टर लगा रहा. हालांकि धीरे-धीरे वह ठीक हुआ. और जमीन पर घसकते हुए चलने लगा. इस बच्चे की लड़खड़ाती जुबान से बताता है कि वह खुद को विराट कोहली जैसा बनना चाहता है. उससे पूछने पर कि उसे क्या क्या चाहिए तो वह बैट, बॉल, हेलमेट, ग्लब्स और पैड की मांग करता है.

वहीं उसकी मां जानकी देवी अपने बेटे के क्रिकेट के प्रति जुनून को देखकर खुशी का इजहार करती हैं. उनका कहना है कि जब वह पहली बार अपनी जुबान से कुछ बोला तो उसने बॉल ही बोला. मां ने बताया कि जब उसके पैर में प्लास्टर था तो वह बॉल के पीछे पीछे जमीन पर भागते रहता था. हर मां की तरह जयंत की भी मां अपने बच्चे को आगे बढ़ता देखना चाहती हैं.

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