Search

JBVNL का घाटा कम करने की पहल: राज्य के फीडरों और ट्रांसफॉर्मरों में लगेंगे मीटर, 358 करोड़ होंगे खर्च

Ranchi : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड-JBVNL मासिक घाटा कम करने पर विशेष बल दे रहा है. मासिक घाटे के कई कारण हैं, जिनमें संसाधनों की जर्जर स्थिति, बिजली चोरी समेत अन्य शामिल हैं. विशेष रूप से जेबीवीएनएल बिजली चोरी पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है. बिजली चोरी निगम के लिए घाटे का महत्वपूर्ण कारण है. हालांकि वर्तमान तकनीक में बिजली चोरी करने वालों की पहचान करना मुश्किल है. लेकिन JBVNL इस पर काम कर रहा है. ऊर्जा विभाग से प्रस्तावित 358.67 करोड़ रुपये से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. फंड से राज्यभर के फीडरों और ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाये जायेंगे. निगम की मानें तो प्रोजेक्ट अभी शुरुआती दौर में है. इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है. फीडर और ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाये जाने से बिजली चोरी करने वाले क्षेत्र और लोगों को चिह्नित किया जा सकता है. बता दें कि निगम को अलग-अलग कारणों से हर महीने करोड़ों राजस्व का नुकसान होता है. इसे भी पढ़ें- चक्रधरपुर">https://lagatar.in/%e0%a4%9a%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a7%e0%a4%b0%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%88%e0%a4%aa%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%82%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a4-%e0%a4%95/142069/">चक्रधरपुर

: बाईपी पंचायत के मुखिया ने अपने गांव में बनवाया 40 पीएम आवास, अन्य आठ गांव में एक भी नहीं

लगाये जा रहे एबीटी मीटर

वहीं, JBVNL अन्य स्रोतों से अपने घाटे को कम करने पर काम कर रहा है. कुछ जिलों में इसके लिये एबीटी मीटर एक्यूरेसी बेस्ड टैरिफ मीटर लगाये जा रहे हैं. मीटर से एक निश्चित क्षेत्र में बिजली संचरण की मॉनिटरिंग और एक बार में अधिक बिलिंग की जा सकती है. ऊर्जा विभाग ने इसके लिये अलग से फंडिंग की है, जो 19 करोड़ रुपये है. क्षेत्रवार बात करें तो डीवीसी कमांड एरिया में 114 मीटर लगाये गये हैं. जमशेदपुर में 59 मीटर लगाने का कार्य प्रगति पर है. छह महीने से लक्ष्य पूरा करने की योजना है. रांची आपूति क्षेत्र में 156 एबीटी मीटर लगाये जाने है. मीटर खरीद प्रक्रिया जारी है. निगम का लक्ष्य है कि आने वाले आठ महीने में मीटर लगाने का काम पूरा किया जायें. इसे भी पढ़ें- अनगड़ा">https://lagatar.in/angada-rape-case-sunil-tiwari-files-anticipatory-bail-plea-after-warrant-is-issued/142089/">अनगड़ा

दुष्कर्म मामला: वारंट जारी होने के बाद सुनील तिवारी ने दायर की अग्रिम जमानत याचिका

2020 में हर महीने 206 करोड़ रहा घाटा

2019 में हर महीने का औसतन मासिक घाटा 161 करोड़ रुपये रहा. साल 2020 से 2021 तक इसमें वृद्धि देखी गयी, जो औसतन हर महीने 206 करोड़ रुपये रही. कोविड लॉकडाउन के कारण इस घाटे में वृद्धि हुई. निगम हर महीने 505 करोड़ रुपये का बिजली अलग-अलग कंपनियों से लेता है. इसे भी पढ़ें- रेमडेसिविर">https://lagatar.in/remdesivir-black-marketing-case-high-court-asked-where-did-the-investigation-reach-sit-chief-anil-palta-gave-complete-information/142060/">रेमडेसिविर

कालाबाजारी मामला : हाईकोर्ट ने पूछा जांच कहां तक पहुंची? SIT प्रमुख अनिल पालटा ने दी पूरी जानकारी

निगम के घाटे के प्रमुख कारण

पुराने लंबे और जर्जर तार, पुराने और अधिक लोड वाले ट्रांसफॉर्मर, अधिक लोड वाली संचरण लाइनें, एलटी और एचटी कनेक्शन के अनुपात में कमी, बगैर बिजली बिल देने वाले उपभोक्ता, उपभोक्ताओं का बिल नहीं देना, बिजली चोरी करना, बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं की पहचान करना कठिन होना. [wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp