Patna: बिहार में जातिगत राजनीति इतनी अधिक है कि एक बयान से सियासत गर्म हो जाती है. इसमें भूमिहार जाति पर मंत्री अशोक चौधरी के एक बयान से प्रदेश की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया. दसअसल पिछले दिनों जहानाबाद में चौधरी ने कहा था कि वे भूमिहारों को अच्छे से जानते हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान जहानाबाद में अति पिछड़ा उम्मीदवार उतारे जाने पर भूमिहार नीतीश का साथ छोड़कर भाग गए थे. मंत्री के इस बयान से हालांकि उनकी पार्टी जदयू ने किनारा कर लिया. वहीं, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने उन पर हमला बोल दिया. विपक्षी नेता तेजस्वी यादव भी इसमें शामिल हो गए. तेजस्वी ने तो जदयू पर जात-पात पर लड़ाने का आरोप लगा दिया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जदयू का जातीय उन्माद फैलाने का चरित्र रहा है. अगर आपको किसी ने वोट नहीं दिया तो उसका आप अपमान नहीं कर सकते हैं.
विवाद बढ़ने पर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी. नीरज ने कहा कि चौधरी को ऐसे बयानों से बचने की नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इतने सालों में कभी भी जाति का जिक्र नहीं किया. वे जाति की राजनीति नहीं करते हैं. अशोक चौधरी उनके साथ सालों से जुड़े हुए हैं, ऐसे में उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए. नीरज ने लोकसभा चुनाव 2024 में कटिहार सीट से जेडीयू की हार पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी कटिहार के प्रभारी थे चुनाव में उन्होंने क्या किया, यह बताएं. डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने भी अशोक चौधरी पर गहरी नाराजगी जताई.
भूमिहार जाति नहीं बल्कि एक संस्कृति हैः डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि भूमिहार जाति नहीं बल्कि एक संस्कृति है. भूमिहारों में जमीन पर रहकर जमीनी हकीकत को जानने की ताकत होती है. जाति की बात और राजनीति करने वाले लोग जमात और राष्ट्र के हितैशी नहीं होते हैं. विवाद बढ़ने पर अशोक चौधरी ने भूमिहार वाले बयान पर सफाई दी. अशोक चौधरी ने कहा कि उनके भूमिहारों से अच्छे संबंध हैं. मेरे पिता महेश बाबू और श्री बाबू के साथ रहे. मेरे पिता को उन्होंने पढ़ाया. मैंने यह कहा कि भूमिहारों को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, यह समाज के प्रति अच्छी बात बोल रहे थे. चौधरी ने कहा कि कुछ लोग जदयू में रहते हुए पार्टी को वोट नहीं देते हैं, उनकी ओर इंगित करते हुए उन्होंने बयान दिया था.
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