Ranchi : झारखंड सरकार राज्य में उद्योग और माइनिंग के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है. एक महीने में उद्योग लगाने के लिए 71 आवेदनों को मंजूरी दी गई है. वहीं अब खनिजों के लिए केंद्र पर निर्भरता कम करने और राज्य में खनिजों के भंडार को खोजने की दिशा में भी सरकार ने काम शुरू किया है. एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग कॉरपोरेशन के माध्यम से यह काम होगा. दरअसल वृहत खनिज की नीलामी केंद्रीय कोयला मंत्रालय के माध्यम से होता है. राज्य को अपने अधीन कोयला ब्लॉकों को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर रहना पड़ता है.
राज्य सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था से झारखंड को अच्छी क्वालिटी का कोयला नहीं मिल पा रहा है. इसलिए अपने प्रतिष्ठान, कंपनी या उपक्रम के माध्यम से नीलामी में हिस्सा लेकर कोयला ब्लॉक प्राप्त करना जरूरी है. खान और खनिज विनियमन की नीतियों में आये बदलाव के मद्देनजर झारखंड एक्सप्लोरेशन और माइनिंग निगम लिमिटेड का गठन करने की योजना बनी है.
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हर साल 1.4 लाख मीटर कोर ड्रीलिंग के लक्ष्य को पूरा करेगा निगम
यह निगम राज्य के जिन क्षेत्रों में उपलब्धता है वहां मानक स्तर पर खनिजों की खोज करेगा. इसके अलावा सभी तरह के खनन पट्टों का भी अन्वेषण कार्य करेगा. राज्य में उपलब्ध कोयला, लौह अयस्क, मैगनीज, ग्रेफाइट, लाइम स्टोन और डोलोमाइट जैसे खनिजों के कोर ड्रिलिंग के औसत गहराई को ध्यान में रखते हुए हर साल 1.5 लाख मीटर कोर ड्रीलिंग के लक्ष्य को पूरा करेगा. कुल 50 मीटर कोल ड्रीलिंग का कार्य किया जाएगा.
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खनिजों की खोज के लिए कई गतिविधियों का करेगा संचालन
50 लाख कोर ड्रीलिंग के अलावा निगम बड़े पैमाने पर खनिजों की खोज के लिए कई गतिविधियों को संचालित करेगा. इसके तहत रिमोट सेंसिंग स्टडी, जियोलॉजिकल मैपिंग, जियोफिजिकल इन्वेस्टिगेशन, कोर लॉगिंग, सैंपलिंग, एनालिसिस, थ्रीडी मोडलिंग जैसे काम होंगे. खनिजों की खोज और जांच के बाद निगम उसका भूतात्विक प्रतिवेदन तैयार करेगा और उसका प्रकाशन किया जाएगा. यह निगम झारखंड के अलावा दूसरे राज्यों में होने वाले खनिज ब्लॉकों की नीलामी में भी हिस्सा लेगा. ब्लॉक नीलामी के तकनीकी और वित्तीय निविदा तैयार करने का काम भी निगम के ही जिम्मे होगा. इसके अलावा खनन योजना, पर्यावरणीय स्वीकृति के प्रस्ताव, खनन कार्य एवं खनिजों के उत्पादन, व्यापार और बिक्री भी निगम करेगा.
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कंपनीज एक्ट के मुताबिक निगम के अधिकारियों की होगी नियुक्ति
निगम की प्राधिकृत पूंजी 1000 करोड़ रुपये की होगी. प्रस्तावित निगम के अध्यक्ष, एमडी, निदेशक की नियुक्ति कंपनीज एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक की जाएगी. साथ ही JEMCL उन क्षेत्रों में भी अन्वेषण करेगा जहां सरकार उसे निर्देश देगी. इसके लिए निगम और सरकार के बीच एमओयू होगा. निगम के गठन के लिए कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है. जल्द ही सरकार नोटिफिकेशन निकालेगी.
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