Vinit Upadhyay
Ranchi: बिजली विभाग में करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाला आरोपी तत्कालीन जूनियर इंजीनियर पुष्पेंद्र कुमार सिन्हा विदेश जाना चाहते है. इसके लिए उन्होंने एसीबी कोर्ट में आवेदन देकर अदालत से इजाजत मांगी है. लेकिन उनकी विदेश यात्रा से संबंधित याचिका पर एसीबी के अधिवक्ता ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है.
इसे भी पढ़ें – एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक ने मरीजों के लिए कैंटीन में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच की
बीमारी का हवाला देकर कोर्ट में नहीं होते उपस्थित
एसीबी के विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार गुप्ता ने अदालत को बताया कि पुष्पेंद्र कुमार सिन्हा पर करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप है. अगर अदालत उन्हें विदेश जाने की अनुमति दे देती है तो वे वापस लौट कर नहीं आएंगे. इसलिए उन्हें विदेश जाने की अनुमति न दी जाये. इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया है कि पुष्पेंद्र कुमार सिन्हा से जुड़े मामले में जब अदालत चार्जफ्रेम के लिए तारीख तय करती है तो यह बीमारी का हवाला देते हुए कोर्ट में उपस्थित नहीं होते हैं. और अब इन्होंने विदेश जाने की इजाजत मांगी है. ऐसे में अगर यह विदेश गए तो यह वापस नहीं आएंगे.
इसे भी पढ़ें –त्योहार में रहें सावधान : 19 दिनों में दोगुना हुआ कोरोना केस, राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या 112
पुष्पेंद्र कुमार सिन्हा यूएसए जाना चाहते है
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने पुष्पेंद्र कुमार सिन्हा की याचिका पर सुनवाई के लिए 3 नवंबर की तिथि मुकर्रर की है. जानकारी के मुताबिक पुष्पेंद्र कुमार सिन्हा यूएसए जाना चाहते है और इसके लिए उन्होंने एसीबी की विशेष न्यायालय से इजाजत मांगी है. पुष्पेंद्र कुमार सिन्हा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. एसीबी की विशेष न्यायालय और झारखंड हाई कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी.
इसे भी पढ़ें –क्रूज ड्रग्स केस : नवाब मलिक ने छापेमारी को फर्जी करार दिया, कहा, आर्यन खान को फंसाया गया, भाजपा कनेक्शन निकाला
मेसर्स रामजी पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को 28.90 करोड़ रुपये भुगतान का आरोप है
पीके सिन्हा पर अवैध तरीके से एपीडीआरपी-जमशेदपुर के लिए मेसर्स रामजी पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को 28.90 करोड़ रुपये भुगतान का आरोप है. इस योजना की कुल लागत 33.13 करोड़ रुपए थी. मामला उजागर होने के बाद झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड के तत्कालीन सचिव सुमंत कुमार सिन्हा की शिकायत पर वर्ष 2011 में प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
इसे भी पढ़ें –पेसा कानून का नियमावली पारित होने तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना पर लगे रोक