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RIMS में सफाई से लेकर दवाई की उपलब्धता तक में खामियां : रिपोर्ट

रिम्स, RIMS

Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर की गई जांच में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल RIMS की स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी सुविधाओं से जुड़े कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आयीं हैं. जांच रिपोर्ट JHALSA की मेंबर सेक्रेटरी ने अस्पताल परिसर के निरीक्षण के बाद तैयार किया है. निरीक्षण में अस्पताल की दैनिक व्यवस्था, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं और हॉस्पिटल की कार्यप्रणाली से जुड़ी कई कमियां उजागर हुई हैं. 

 

JHALSA की रिपोर्ट में कहा गया है कि RIMS की व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है. कई समस्याएं लंबे समय से बिना समाधान के चली आ रही हैं और प्रशासनिक स्तर पर समन्वय की कमी साफ नजर आ रही है. हाईकोर्ट को भेजी गई यह रिपोर्ट अस्पताल प्रबंधन और सरकारी तंत्र की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है. हाईकोर्ट ने RIMS और राज्य प्रशासन को आवश्यक सुधारात्मक कदम तुरंत उठाने के निर्देश दिए हैं.

 

साफ-सफाई व स्वच्छता की स्थिति

रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल परिसर और विभिन्न वार्डों में सफाई व्यवस्था पर्याप्त नहीं मिली. वार्ड और अस्पताल परिसर में कई जगहों पर गंदगी और अव्यवस्था दिखी, जिससे संक्रमण और स्वास्थ्य जोखिमों का खतरा बढ़ता है. ट्रॉमा सेंटर और कार्डियक सेंटर में भी स्वच्छता के स्तर को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं.

 

दवाइयों और मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता

निरीक्षण में यह पाया गया है कि अस्पताल में कई आवश्यक दवाइयां या तो उपलब्ध नहीं थीं या पर्याप्त मात्रा में नहीं थीं. मेडिकल उपकरणों की संख्या और स्थिति दोनों में खामियां मिलीं. कुछ जगह उपकरणों की कमी है जबकि कुछ जगह पुराने व अप्रचलित उपकरण पाए गए.

 

पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सुविधाएं

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई जांच सुविधाएं या तो पूरी तरह काम नहीं कर रहा है या सीमित क्षमता में चल रही हैं. इससे मरीजों की जांच में देरी होती है और कई बार मरीज अस्पताल से बाहर के लैब में जांच कराने को मजबूर होते हैं.

 

पीने के पानी और बिस्तर संबंधी समस्याएं

मरीजों के लिए साफ और सुरक्षित पीने का पानी की उपलब्धता में कम पाई गई है. कई वार्डों में मरीजों के लिए पर्याप्त कंबल, तकिए और बेडसीट तक उपलब्ध नहीं थे, जिससे बुनियादी सुविधा पर ही सवाल खड़े हुए.

 

अस्पताल में भोजन की गुणवत्ता

रिपोर्ट में मरीजों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं. कैंटीन और कैफेटेरिया में उपलब्ध खाना न तो मानक के अनुरूप पाया गया और न ही गुणवत्ता संतोषजनक रही. मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों के लिए भी भोजन व्यवस्था अव्यवस्थित दिखी.

 

बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली कमजोर

रिपोर्ट में बताया गया है कि कई विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम का प्रभावी उपयोग नहीं हो रहा है. इससे अस्पताल की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है.

 

सुरक्षा और व्यवस्था की चिंता

ट्रॉमा व कार्डियक सेंटर की विशेष जांच में यह पता चला है कि इन महत्वपूर्ण इकाइयों में भी समुचित निगरानी, उपकरण, स्वच्छता और प्रबंधन की कमी है. यह स्थिति मरीजों के जीवन के लिए जोखिमपूर्ण है.

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