Adityapur : झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष डॉ शुभेंदु महतो के नेतृत्व में शुक्रवार को टाटा ग्रुप द्वारा अधिग्रहित ख़ाली पड़ी ज़मीन को वापस दिलाने के संबंध में जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक को मेमोरेंडम सौंपा गया. झामुमो ने मेमोरेंडम में कहा है कि वर्ष 1964 में टाटा कंपनी ने भूमि अधिग्रहण की थी, जिसके विपरीत टाटा कंपनी ने स्थानीय लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो उन्हें नौकरी मिली न ही ज़मीन. साथ ही सही तरीक़े से मुआवज़ा भी नहीं दिया गया. काफ़ी सीमित संख्या में स्थानीय लोगों को नौकरी मिली, ख़ाली पड़ी 1000 एकड़ की ज़मीन कंपनी के इस्तेमाल में नहीं है जिसे मूल रैयतों को वापस देने की मांग पार्टी करती है. क्षेत्रीय निदेशक को मेमोरेंडम सौंपने में झारखंड मुक्ति मोर्चा के रंजीत प्रधान ,दीपक मंडल, मुंडा बेसरा, गोरा बर्मन समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे.
कंपनी की ज़मीन के भीतर सार्वजनिक स्थल लोगों के लिए खोला जाए
झामुमो ने मांग की कि स्थानीय समुदाय के लिए धार्मिक स्थल, खेल मैदान, तालाब और अन्य ख़ाली जगहें भी अधिग्रहित जमीन में शामिल है. यह जमीन इस्तेमाल में नहीं है तथा वह कंपनी के सीमा के अंदर है. उसे ख़ाली करने तथा समुदाय के उपयोग में कंपनी से कराए जा सके इसके लिए पार्टी पूरी तरह से कोशिश में जुटी है.
30 अगस्त को होना है गेट जाम
झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने सभी कार्यकर्ता एवं स्थानीय लोगों के साथ हज़ार एकड़ ज़मीन को ज़मीन दाताओं को वापस कराने, जाहेरथान की 11 डिसिमल ज़मीन को टीजीएस कंपनी से मुक्त कराने, समेत विभिन्न मांगों को लेकर 30 अगस्त को विस्थापितों के सहयोग से टीजीएस का गेट जाम जाम करने की योजना बना रहा है.