Ranchi : झारखंड पुलिस को उग्रवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है. गुमला समेत कई जिलों में 23 वर्षों से दहशत का पर्याय बने दुर्दांत झांगुर गिरोह के सुप्रीमो रामदेव उरांव सहित कई प्रमुख सदस्य जल्द ही आत्मसमर्पण कर सकते हैं. यह जानकारी सामने आ रही है कि गिरोह के कई उग्रवादी इस समय झारखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं.
पुलिस के संपर्क में सुप्रीमो रामदेव
जानकारी के अनुसार, झांगुर गिरोह के सरगना रामदेव उरांव समेत दो प्रमुख उग्रवादी इस समय हथियार के साथ पुलिस के संपर्क में हैं. उम्मीद है कि गिरोह के बाकी सदस्य भी अगले कुछ दिनों में संपर्क स्थापित कर लेंगे. एक बार संपर्क स्थापित होने के बाद इन सभी उग्रवादियों का आधिकारिक आत्मसमर्पण रांची जोनल आईजी के समक्ष कराया जाएगा.
23 वर्षों से फैलाया आतंक
झांगुर गिरोह ने वर्ष 2002 से गुमला और आसपास के क्षेत्रों में अपनी गतिविधियां शुरू की थीं, जिससे यह क्षेत्र में 23 वर्षों तक आतंक का केंद्र बना रहा. गिरोह का सुप्रीमो रामदेव उरांव 27 से अधिक गंभीर मामलों में वांछित है. इन अपराधों में नरसंहार, अपहरण, रंगदारी, गोलीबारी और आगजनी जैसे जघन्य कृत्य शामिल हैं. झांगुर गिरोह के इस बड़े आत्मसमर्पण से गुमला समेत आसपास के क्षेत्रों में शांति और कानून व्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद है.
देवरागानी में पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद फरार हो गया था रामदेव
रामदेव उरांव हाल ही में 20 जनवरी 2025 को घाघरा के देवरागानी में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के बाद फरार हो गया था, जिसके बाद से झारखंड पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. वर्तमान में झांगुर गिरोह में सुप्रीमो रामदेव उरांव समेत कुल 13 सदस्य सक्रिय बताए जा रहे हैं, जिन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
गिरोह के सक्रिय उग्रवादियों और उन पर दर्ज मामलों का विवरण
| नाम | दर्ज मामले |
| रामदेव उरांव (सुप्रीमो) | 27 |
| रमन उरांव | 02 |
| अरविंद उरांव | 05 |
| संतु उरांव | 05 |
| सोहन असुर | 04 |
| प्रसाद उरांव | 01 |
| लवचिक बड़ाइक | 01 |
| सोमा मुंडा | 02 |
| अमृत मुंडा | 02 |
| रामस्वरूप बड़ाइक | 03 |
| भदवा उरांव | 02 |
| रामलाल उरांव | 01 |
| शिवनाथ उरांव | 03 |
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