Ranchi : झारखंड में बीते एक साल में पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना के 11 जवानों ने आत्महत्या की है. इनकी आत्महत्या की मुख्य वजह या तो वर्क प्रेशर हैं, नहीं तो उनकी निजी जिंदगी में चल रही परेशानियां. बता दें कि ड्यूटी पर तनाव, ओवरटाइम और छुट्टी ना मिलना पुलिसकर्मियों की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. इसका असर उनकी लाइफस्टाइल पर भी पड़ने लगा है. काम के दबाव के कारण उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. इन परेशानियों से तंग आकर पुलिसकर्मी आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं. पुलिसकर्मियों का समय से पहले रिटायरमेंट लेने के पीछे भी शायद यही वजह है.
बीते एक साल में 11 जवानों ने की आत्महत्या :
02 अक्टूबर : चाईबासा के कराइकेला में एएसआई में गोली मारकर की आत्महत्या कर लिया.
25 जुलाई : चतरा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के शीला ओपी स्थित सीआरपीएफ कैंप में आशीष कुमार नाम के जवान ने गोली मारकर आत्महत्या की थी.
जुलाई के आखिरी हफ्ते में : लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के करमडीह पिकेट में पदस्थापित जवान प्रमोद सिंह की मौत उसके ही हथियार से गोली चलने की वजह से हो गयी थी.
18 जून : बोकारो के हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 8 में एक सीआईएसएफ जवान संजीत ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली थी.
31 मई : हजारीबाग डीआईजी आवास में तैनात जिला पुलिस के 31 वर्षीय जवान विकास कुमार ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली थी. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी थी.
6 फरवरी : चतरा स्थित सीआरपीएफ 190 बटालियन कैंप में कैलाश चंद मेहरा नामक जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. वह मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिला के लोहड़ी गांव का रहने वाला था.
नवंबर 2023 : सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना में पदस्थापित सत्यजीत कच्छप ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
24 नवंबर 2023 : रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में उत्तराखंड निवासी आर्मी के जवान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी.
अक्टूबर 2023 : पाकुड़ में पदस्थापित झारखंड पुलिस के हवलदार ललन पासवान ने आत्महत्या कर ली थी.