Ranchi : झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है और इसके परिणामस्वरूप नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. 2019 से लेकर 10 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में हुए 155 मुठभेड़ों में कुल 114 नक्सली मारे गए हैं. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि झारखंड पुलिस ने नक्सली संगठनों पर लगातार दबाव बनाए रखा है, जिससे उनकी गतिविधियों में कमी आई है और संगठन में भय का माहौल पैदा हुआ है.
मुठभेड़ों और उसमें मारे गए नक्सलियों का वर्षवार विवरण :
साल | मुठभेड़ | नक्सली ढेर |
2019 | 36 | 31 |
2020 | 24 | 18 |
2021 | 22 | 08 |
2022 | 14 | 13 |
2023 | 28 | 14 |
2024 | 18 | 11 |
2025 (10 जून तक) | 13 | 19 |
बीते 5 साल की तुलना में 2025 में सबसे अधिक नक्सली मारे गए
2025 में (10 जून तक) सबसे अधिक 19 नक्सली मारे गए हैं, जो पिछले पांच साल की तुलना में सबसे अधिक है. यह दर्शाता है कि हाल के महीनों में पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियानों में और तेजी लाई है. झारखंड पुलिस की आक्रामक कार्रवाई, विशेष रूप से बड़े इनामी नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराने से नक्सली संगठनों में अंदरूनी टूट और भय का माहौल देखा जा रहा है.
पिछले महीने मारे गये पांच बड़े नक्सली
पिछले महीने पांच बड़े इनामी नक्सलियों का मारा जाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इस घटनाक्रम से नक्सलियों के बीच भारी खलबली मचा दी है. सूत्रों के अनुसार, पुलिस की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में दहशत फैल गई है, खासकर बोकारो, लातेहार और पलामू जैसे क्षेत्रों में हुई हालिया मुठभेड़ के बाद उनकी बेचैनी और बढ़ गई है. ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि कई नक्सली आत्मसमर्पण करने पर विचार कर रहे हैं.