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झारखंड :  स्कूलों में खाते हैं 165 करोड़ के अंडे, फिर भी 48 फीसदी बच्चे कुपोषित

Ranchi : नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के स्कूलों में पढ़नेवाले 48 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. 2020- 2022 में आकलन किया गया है कि कोरोना के कारण मध्यम एवं अति गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. वहीं झारखंड शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के बच्चों पर मिड डे मील के माध्यम से सालाना 165 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. इसके बावजूद झारखंड में कुपोषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है.

अंडा खाने में पांचवें स्थान पर रांची के बच्चे

झारखंड में सबसे अधिक अंडा गिरिडीह के बच्चे खाते हैं. गिरिडीह में स्कूली बच्चे 287849 अंडे रोजाना खाते हैं. दूसरे स्थान पर पलामू, तीसरे स्थान पर वेस्ट सिंहभूम, चौथे स्थान पर देवघर और पांचवें स्थान पर रांची का नंबर आता है. पलामू में रोजाना विद्यार्थी 266539 अंडे खाते हैं. वेस्ट सिंहभूम 193491, देवघर 188360 और रांची में 181615 विद्यार्थी रोजाना अंडा खाते हैं. वहीं राज्य भर में लगभग 33 लाख 41 हजार 25 विद्यार्थी रोजाना अंडा खाते हैं. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/anda1.jpg"

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कोरोना काल में बच्चों में कुपोषण का स्तर बढ़ा

शिक्षा विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में बच्चों में कुपोषण का स्तर बढ़ा है. अब स्कूल खुल चुके हैं. जल्द स्कूलों में मिड डे मील के तहत अंडा के अलावा अन्य खाद्य सामग्री स्कूली बच्चों को दी जाएगी. इससे कुपोषण का स्तर कम होगा. वहीं सबसे कम अंडा लोहरदगा के विद्यार्थी खाते हैं. लोहरदगा में रोजाना 50525 विद्यार्थियों को ही अंडा मिड डे मील के तहत मिलता है. मिड डे मील के तहत सप्ताह में 2 दिन अंडा देना अनिवार्य है. सोमवार और शुक्रवार को बच्चों को अंडा देना अनिवार्य है.

अंडा बढ़ा रहा है स्कूलों में हाजिरी

शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि मिड डे मील में अंडा देने का प्रोग्राम पूरे देश भर में हिट है. अंडा के कारण सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. सोमवार और शुक्रवार को सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी अन्य दिनों की तुलना में अधिक होती है. जल्द ही मिड डे मील में कई अन्य पौष्टिक आहार जोड़े जायेंगे. इस पर विचार चल रहा है.

किस जिले में कितने विद्यार्थी खाते हैं अंडे, देखें आंकड़ा

रांची में 181615, खूंटी 59403, लोहरदगा 50525, गुमला 130111, सिमडेगा 74613, ईस्ट सिंहभूम 133927, सरायकेला खरसावां 94351, वेस्ट सिंगभूम 193491, पलामू 266539, लातेहार 106259, गढ़वा 171509, हजारीबाग 143117, रामगढ़ 57928, कोडरमा 71979, चतरा 147744, गिरिडीह 287849, धनबाद 155921, बोकारो 132455, दुमका 163182, जामतारा 89818, साहेबगंज 162059, पाकुर 106550, गोड्डा 171720, देवघर 188360.

फैक्ट फाइल : नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 की रिपोर्ट

  • 0 से 6 वर्ष के बच्चों में प्रत्येक दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है
  • 45 प्रतिशत बच्चे मानक से कम वजन के हैं.
  • 23 प्रतिशत बच्चे दुबले-पतले हैं.
  • 11.3 प्रतिशत बच्चे अत्यंत कुपोषित हैं.
  • 40.3 प्रतिशत बच्चे अल्प विकसित हैं.
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