Ranchi : झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ जंग अपने अंतिम चरण में है. पिछले 28 महीने के दौरान झारखंड के नौ जिले में नक्सलियों के साथ हुए 62 एनकाउंटर में 39 नक्सली मारे गये हैं.
फिलहाल राज्य में सिर्फ पांच जिले (गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम) नक्सल प्रभावित रह गये हैं. देश के पांच राज्यों के 12 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में झारखंड का सिर्फ एक जिला पश्चिमी सिंहभूम है.
62 एनकाउंटर 39 नक्सली ढेर :
– चाईबासा : नक्सलियों के साथ 21 एनकाउंटर, नौ नक्सली मारे गये.
– लातेहार : नक्सलियों के साथ 12 एनकाउंटर, छह नक्सली ढेर हुए.
– बोकारो : नक्सलियों के साथ पांच एनकाउंटर, 10 नक्सली मारे गये.
– चतरा : नक्सलियों के साथ 12 एनकाउंटर, आठ नक्सलियों को मार गिराया.
– लोहरदगा : नक्सलियों के साथ पांच एनकाउंटर, दो नक्सली मारे गये.
– रांची : नक्सलियों के साथ तीन एनकाउंटर, एक नक्सली ढेर.
– गुमला : नक्सलियों के साथ दो एनकाउंटर, दो नक्सली मारे गये.
– खूंटी : नक्सलियों के साथ एक एनकाउंटर, एक नक्सली को मार गिराया.
– गढ़वा : नक्सलियों के साथ एक एनकाउंटर, एक भी नक्सली नहीं मारे गये.
नक्सलवाद की समस्या 95 फीसदी हो चुकी है खत्म
झारखंड में नक्सलवाद की समस्या 95 फीसदी खत्म हो चुकी है. छोटे-छोटे समूह में तब्दील होकर अपराधी और उग्रवादी संगठन आगजनी के साथ-साथ व्हाट्सएप कॉल पर कारोबारियों से रंगदारी की मांग कर रहे हैं.
झारखंड में भाकपा माओवादी संगठन के कमजोर होते ही छोटे-छोटे अपराधी और उग्रवादी संगठन सक्रिय हो गये हैं. ये रंगदारी और लेवी वसूलने के लिए वाहनों में आगजनी और गोलीबारी की घटना को अंजाम दे रहे हैं.