Latehar: झारखंड आंदोलनकारी मंच ने मंगलवार को समाहरणालय के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया. अध्यक्षता मंच के जिला अध्यक्ष सत्येद्र सिंह ने किया. सिंह ने कहा कि झारखंड निर्माण मे अहम भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारी आज भी उपेक्षित हैं. अलग राज्य बनने के बाद लगा कि राज्य का स्वर्गीण विकास होगा लेकिन आज भी बाहरी लोगों का राज्य मे दबदबा है. राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार ने बहुत सारे काम किये जैसे मंईया सम्मान योजना, 200 यूनिट बिजली बिल माफ, सर्वजन पेंशन योजना, अबुआ आवास समेत कई कल्याणकारी योजना शामिल है.
उन्होंने कहा कि चिन्हित आंदोलन कारियो को 50 हजार मासिक पेंशन दिया जाए ताकि उन्हे उनका हक मिल सके. विरेंद्र ठाकुर ने कहा कि आंदोलनकारियो को पेंशन के लिए जेल की बाध्यता समाप्त करने की जरूरत है. रांची मे आंदोलनकारियो के लिए अतिथि गृह का निर्माण होना चाहिए. जिला सचिव नंदकिशोर सिंह ने कहा कि लातेहार जिला मे पेंशन पाने वाले आंदोलनकारियो को सरकार द्वारा निर्धारित 3500 रुपया नहीं मिल रहा है. इसलिए उन्हे बकाया राशि ब्याज के साथ भुगतान करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सभी आंदोलनकारियो को 5 कमरे का एक पक्का मकान राज्य द्वारा दिया जाना चाहिए. रामनाथ गंझु ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास बहुत सारी योजना है. सभी आंदोलनकारियो को राज्य सरकार द्वारा ताम्रपत्र व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियो के बच्चो एवं उनके आश्रितो को राज्य के सरकारी नौकरी मे प्राथमिकता मिलना चाहिए. धरना के बाद मुंख्यमंत्री को संबोधित 12 सूत्री मांग पत्र उपायुक्त को सौपा गया. मौके पर मुरलीधर प्रसाद चौरसिया, विश्वनाथ गंझू, राजीव भास्कर समेत कई लोग उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें – नियुक्ति पर सेवा के दौरान आपत्ति नहीं की गई तो रिटायरमेंट के बाद भी नहीं उठाई जा सकती- हाईकोर्ट