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एक दिवसीय सामूहिक उपवास कर झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार को चेताया

Ranchi : 11 सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय सामूहिक उपवास कर झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी. कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे. आंदोलनकारियों का कहना है कि झारखंड राज्य को बने 25 साल हो गए हैं, लेकिन सरकार अब तक आंदोलनकारियों की पहचान नहीं कर पाई है.गुरुवार को मोरहाबादी बापू वाटिका के सामने सैकड़ों आंदोलनकारी धरने पर बैठे और अपने विचार व्यक्त किए. इस दौरान केंद्रीय अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि आंदोलनकारियों की मांगें पूरी करनी होंगी, नहीं तो वे हमेशा के लिए आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे आंदोलनकारियों के दर्द को समझें और जेल जाने की बाध्यता समाप्त करें. राजू महतो ने आगे कहा कि सभी आंदोलनकारियों को एक समान सम्मानजनक पेंशन मिलनी चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों को विभिन्न समूहों में बांटकर उनकी पहचान की है. जेल जाने वाले लोगों को पहले समूह में रखा गया है. लेकिन सभी आंदोलनकारियों को समान पेंशन मिलनी चाहिए.प्रधान महासचिव क्यूम खान ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी चिन्हीकरण आयोग में 50 हजार से अधिक आवेदन लंबित पड़े हैं, जबकि राज्यभर में लाखों आंदोलनकारी हैं, जिनमें से केवल 7 हजार लोगों को चिन्हित किया गया है. आरीफ खान ने बताया कि 17-18 हजार आंदोलनकारियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से 7 हजार को पेंशन मिल रही है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/02/Untitled-4.m.gif">

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इनकी मांगे हैं

• झारखंड आंदोलनकारी आयोग का गठन हो. • आंदोलनकारियों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाए. • आंदोलनकारियों के नाम पर कोरिडोर का निर्माण हो. • आंदोलनकारियों को 20 डिसमिल जमीन आवंटित की जाए. • सभी आंदोलनकारियों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए. • राज्य से लेकर प्रखंड स्तर तक सरकार की सभी निगरानी समितियों में आंदोलनकारियों को सदस्य नियुक्त किया जाए. • सभी को 50 लाख तक ऋण मुहैया कराया जाए. • ठेकेदारी और खनन पट्टा स्वीकृति में आंदोलनकारियों को प्राथमिकता दी जाए. • पेंशन संबंधित व्यवस्थाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाए. • दूसरे राज्यों में बंद आंदोलनकारियों के लिए राज्य सरकार को संज्ञान लेना चाहिए.

उपवास कार्यक्रम में ये थे शामिल

केंद्रीय उपाध्यक्ष भुनेश्वर सेनापति, लक्ष्मी देवी, लोहरदगा जिला कार्यकारी अध्यक्ष अमर किन्डो, दिनेश साहू, छत्रपति महतो, सीता उरांव, गोंदे प्रधान, आरीफ खान, बिरसा मुंडा, भोला मांझी, इसरार अहमद, एरेन कच्छप, उषा रानी लकड़ा, सुमित्रा देवी, तारामनी मिंज, शिवचरण मंडल, विशेषण भगत, सीताराम तूरी, दामोदर प्रसाद महतो और अन्य लोग शामिल थे.

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