- सरयू राय और बन्ना गुप्ता के बीच नेक टू नेक फाइट
Ranchi : झारखंड में विधानसभा का चुनाव दिलचस्प होने वाला है. खास बात यह है कि राज्य सरकार के लगभग सभी कैबिनेट मंत्री टफ फाइट में फंसे हैं. उनकी सीधी टक्कर बीजेपी से है. कई सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष के भी आसार बन रहे हैं. डुमरी सीट पर जयराम महतो तीसरा कोण बना रहे हैं.
मिथिलेश ठाकुर को भाजपा से मिलेगी कड़ी चुनौती
गढ़वा सीट से कैबिनेट मंत्री मिथिलेश ठाकुर को भाजपा से कड़ी चुनौती मिलेगी. इस बार फिर से उनके सामने बीजेपी के सत्येंद्र नाथ तिवारी हैं. 2019 में मिथिलेश ठाकुर ने सत्येंद्रनाथ तिवारी को पटखनी दी थी. वहीं सत्येंद्रनाथ तिवारी 2009 और 2014 में इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं.
डुमरी में त्रिकोणीय संघर्ष की संभावना
डुमरी में त्रिकोणीय संघर्ष की संभावना बन रही है. यहां कैबिनेट मंत्री बेबी देवी के सामने आजसू की यशोदा देवी हैं. लेकिन इस सीट से जयराम महतो भी उम्मीदवार हैं. जयराम महतो के चुनावी अखाड़े में कूदने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. हालांकि डुमरी झामुमो की परंपरागत सीट रही है.
चाईबासा में दीपक बिरूआ को भी बहाना पड़ेगा पसीना
इस बार चाईबासा में कैबिनेट मंत्री दीपक बिरूआ को भी पसीना बहाना पड़ेगा. हालांकि इस सीट से दीपक बिरूआ जीत की हैट्रिक लगा चुका हैं. इस बार भाजपा ने गीता बलमुचू को मैदान में उतारा है. गीता चाईबासा नगर परिषद की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. 2005 में यह सीट भाजपा के खाते में आई थी.
कभी झामुमो के कैडर रहे बाबूलाल के सामने होंगे मंत्री रामदास
घाटशिला सीट पर समीकरण बदल गया है. कभी झामुमो के कैडर रहे बाबूलाल सोरेन भाजपा से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. बाबूलाल पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के पुत्र है. इस सीट पर मंत्री रामदास सोरेन और बाबूलाल सोरेन के बीच टफ फाइट होने की संभावना जताई जा रही है. 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में आई थी. लक्ष्मण टुटू ने रामदास सोरेन को पराजित किया था. फिर 2019 में रामदास सोरेन ने जीत हासिल की थी.
लातेहार में दो दिग्गज के बीच कांटे की टक्कर
लातेहार सीट से कैबिनेट मंत्री बैद्यनाथ राम अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. एक बार फिर उनका सामना भाजपा के प्रकाश राम से है. इस सीट पर हमेशा उथल-पुथल होता रहा है. 2005 में प्रकाश राम राजद के टिकट पर चुनाव जीते थे. 2014 में प्रकाश राम जेवीएम के टिकट पर चुनाव जीते थे. 2019 में वैद्यनाथ राम ने प्रकाश राम को पटखनी दी थी. इस बार फिर दोनों आमने-सामने हैं.
मंत्री हफीजुल अंसारी को मिलेगी कड़ी चुनौती
मधुपुर सीट से कोई भी उम्मीदवार दुबारा जीत नहीं पाया है. इस सीट से मंत्री हफीजुल अंसारी का मुकाबला बीजेपी के गंगानारायण सिंह से है. 2019 में यह सीट झामुमो के खाते में आई थी. फिर 2021 में उपचुनाव फिर यह सीट झामुमो ने जीती. इससे पहले 2005 और 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में आई थी.
मंत्री रामेश्वर उरांव की प्रतिष्ठा दांव पर
लोहरदगा सीट पर विधायक सह मंत्री रामेश्वर उरांव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. उनका मुकाबला आजसू की नीरू शांति भगत से है. 2009 और 2014 में आजसू के कमल किशोर भगत ने यहां से जीत दर्ज की थी. 2005 में कांग्रेस के सुखदेव भगत यहां के विधायक थे.
सरयू और बन्ना में होगा महामुकाबला
जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी. इस सीट पर महामुकाबला होगा. सरयू राय और कैबिनेट मंत्री बन्ना गुप्ता आमने-सामने हैं. इस बार सरयू राय जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. 2005 और 2009 में सरयू राय बन्ना को पटखनी दे चुके हैं. इस बार दोनों के बीच महामुकाबला होने की संभावना है.
जामताड़ा में इरफान के लिए हैट्रिक लगाना है चुनौती
इस बार जामताड़ा में मंत्री इरफान अंसारी के लिए हैट्रिक लगाना चुनौती है. इस सीट में बीजेपी से सीता सोरेन उम्मीदवार हैं. इरफान अंसारी के बयान ने इस सीट पर सियासी माहौल बदल दिया है. 2000 में इरफान के पिता फुरकान अंसारी ने कांग्रेस की टिकट पर भाजपा के विष्णु प्रसाद भैया को हराया था. 2005 में विष्णु प्रसाद भैया ने पहली बार यहां कमल खिलाया था. 2014 और 2019 में इरफान अंसारी ने इस सीट से जीत हासिल की है.
महगामा में नेक टू नेक फाइट
महगामा सीट में नेक टू नेक फाइट की संभावना जताई जा रही है. इस सीट में कैबिनेट मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के सामने बीजेपी के अशोक कुमार भगत हैं. अशोक भगत की इस इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती है. अशोक भगत इसी सीट से 2000, 2005 और 2014 में जीत हासिल कर चुके हैं.
हाईप्रोफाइल सीट है बरहेट
बरहेट राज्य की हाईप्रोफाइल सीट है. इस सीट से सीएम हेमंत सोरेन उम्मीदवार हैं. 2019 के चुनाव में हेमंत सोरेन ने भाजपा के सिमोन मालतो को 25,740 वोट से हराया था. 2014 में भाजपा ने झामुमो के हेमलाल मुर्मू को हेमंत सोरेन के खिलाफ उतारा था. लेकिन हेमलाल मुर्मू 24,087 वोट से हार गये थे. 2009 में इस सीट पर झामुमो प्रत्याशी रहे हेमलाल मुर्मू की जीत हुई थी. इस बार भाजपा ने गामलियल हेंब्रम को सीएम के खिलाफ उतारा है. गामलियल ने आजसू की टिकट पर 2019 का चुनाव लड़ा था. तब उनको सिर्फ 2,573 वोट मिले थे. उनकी जमानत जब्त हो गई थी.