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झारखंड विस सत्र :  बाबूलाल ने छात्रवृति मुद्दे पर सरकार को घेरा, वित मंत्री ने केंद्र पर सौतेला व्यवहार का लगाया आरोप

Ranchi :  झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज पांचवां और अंतिम दिन है. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधायक और मंत्री के बीच हुई बातचीत की जांच कराने की मांग की.

 

बाबूलाल ने ध्यान आकर्षण के दौरान चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके पास इसकी सीडी भी उपलब्ध है, जो मैं आपको दे रहा हूं. उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मामला है और विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में हस्तक्षेप कर जांच कराने की मांग की. 

 

इस पर वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि जिस प्रकरण की जिक्र हो रही है, वह एक पार्टी कार्यालय के भीतर का मामला है और इससे विधानसभा का कोई सरोकार नहीं है.

 

बाबूलाल ने सदन में उठे छात्रवृति मामले, जिसमें केंद्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था, कहा कि इस मामले की जांच पर पाया कि झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं कर 2022 में अपनी गाइडलाइन बना दी. 

 

इस कारण केंद्र से एसटी, एससी और ओबीसी छात्रों को छात्रवृति नहीं मिल रही है. बाबूलाल ने झारखंड सरकार पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया. साथ ही संसदीय कार्यमंत्री से संबंधित पदाधिकारियों के साथ दिल्ली जाकर इस मामले को सुलझाने की बात कही.  उन्होंने इस पर सहयोग करने की भी बात कही. 

 

केंद्र से सहयोग नहीं मिल रहा है : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सदन में आरोप लगाया कि केंद्रीय कोयला मंत्री ने बकाया 1.36 लाख करोड़ के मामले में अधिकारियों की कमेटी बनाकर बात आगे बढ़ने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. 

 

यह बात वित्त मंत्री ने दीपिका पांडे सिंह द्वारा यह कहने पर कि केंद्रीय पंचायती राज्य मंत्री मिलने का समय नहीं देते हैं. सभी मापदंड पूरा कर लेने के बाद भी केंद्र से राज्य को 15वीं वित्त आयोग की राशि निर्गत नहीं की जा रही है, पर कही. 

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