Ranchi: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने सोमवार को विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आईएएस (सेवानिवृत्त) दशरथ चन्द्र दास की पुस्तक अंबेडकरवादियों के चार धाम का लोकार्पण किया.
लेखक श्री दास दक्षिणी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त रह चुके हैं. प्रशासनिक सेवा के दौरान उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं और सामाजिक कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने में सराहनीय भूमिका निभाई है.
श्री दास देवघर जिले के जयंती ग्राम के निवासी हैं. उन्होंने देवघर और रांची में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पुस्तकालय की स्थापना एवं संवर्द्धन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनकी यह पुस्तक डॉक्टर अंबेडकर के जीवन, शिक्षा, भारतीय समाज और दलितों की स्थिति, आर्थिक लोकतंत्र और सामाजिक लोकतंत्र के साथ-साथ गोलमेज सम्मेलन के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को समेटती है.
पुस्तक में दास ने नवयान और अंबेडकरवादी परंपरा के तहत चार पवित्र स्थलों की अवधारणा को विशेष रूप से रेखांकित किया है. इनमें डॉक्टर अंबेडकर का जन्मस्थल महू, बड़ौदा की संकल्प भूमि, नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई की चैत्य भूमि को चार धाम की संज्ञा दी गई है. लेखक का कहना है कि डॉक्टर अंबेडकर के जीवन और कार्य उनके अनुयायियों को लगातार प्रेरित करते रहे हैं.
इस पुस्तक को उन्होंने अपने प्रेरणा स्रोत पिता स्वर्गीय तालेवर प्रसाद दास और माता स्वर्गीय तारकेश्वरी देवी को समर्पित किया है. पुस्तक लोकार्पण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष के साथ विधायक उदय शंकर सिंह, विधायक विकास कुमार मुंडा, विधायक निर्मल महतो और झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव भी उपस्थित रहे.
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