alt="" width="1368" height="912" /> गिरफ्तार कामेंद्र सिंह के पास से बरामद हथियार[/caption]
अवैध हथियार खरीद-फरोख्त में शामिल था कामेंद्र
बता दें कि एटीएस द्वारा नक्सलियों और आपराधिक संगठनों को अवैध हथियार और गोली उपलब्ध कराने वाले गिरोह से जुड़े पंकज सिंह की गिरफ्तारी पहले की गई थी. पंकज सिंह से की गई पूछताछ से यह बात सामने आयी कि कामेंद्र सिंह और कुछ अन्य व्यक्ति धनबाद में रहकर अवैध हथियार के खरीद-फरोख्त में शामिल हैं. जिसके बाद एटीएस की टीम ने कार्रवाई करते हुए कामेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर दो पिस्टल, 14 कारतूस और तीन मैगजीन भी बरामद किया गया. कामेंद्र ने इस गिरोह से जुड़े कई अन्य लोगों की भी जानकारी एटीएस को दी है. एटीएस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है. इसे भी पढ़ें-एयर">https://lagatar.in/air-asia-india-will-be-merged-with-air-india-express-tata-sons-starts-merger-work/">एयरइंडिया एक्सप्रेस और एयर एशिया इंडिया का होगा विलय, टाटा संस ने मर्जर की कवायद शुरू की
इससे पहले सीआरपीएफ जवान समेत तीन को एटीएस ने किया था गिरफ्तार
झारखंड में नक्सलियों व अपराधियों को हथियार और गोली की सप्लाई करने वाले सीआरपीएफ जवान सहित तीन लोगों को एटीएस ने मंगलवार (16 नवंबर) को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार लोगों में सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा (29), ऋषि कुमार (49) और पंकज कुमार सिंह (48) नाम शामिल थे. इनकी निशानदेही पर 5.56 एमएम की 450 राउंड गोली जब्त की गयी थी.नक्सलियों को दिया एके-47 और इनसास राइफल
अविनाश उर्फ चुन्नू सीआरपीएफ 182 में आरक्षी के रूप में पुलवामा में पदस्थापित था. वह छुट्टी पर घर आने के बाद चार माह से कार्य से अनुपस्थित था. वह वर्ष 2011 में मोकामा ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ में बहाल हुआ था. पूर्व में वह 112 बटालियन सीआरपीएफ लातेहार और 204 बटालियन कोबरा जगदलपुर में पदस्थापित रहा था. पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि आरोपियों द्वारा नक्सलियों को भारी संख्या में एके- 47 और इनसास राइफल उपलब्ध कराये गये हैं. इसके अलावा विभिन्न आपराधिक गिरोह, जिसमें अमन साहू गिरोह भी शामिल है, को भी हथियार और गोली उपलब्ध करायी गयी है. सीआरपीएफ जवान अविनाश अमन साहू के अलावा शेरघाटी जेल में बंद अपराधी हरेंद्र यादव और गया जेल में बंद लल्लू खान के संपर्क में था. ऋषि कुमार पूर्व में हटिया रांची में ट्रांसपोर्टिंग का काम करता था. इसी दौरान वह सरायकेला और चाईबासा में सड़क निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार संजय सिंह और मुहाहिर के संपर्क में आया. ऋषि कुमार ने दोनों ठेकेदारों से बैंक एकाउंट और नकद रुपये लेकर कई खेप में गोली उपलब्ध करायी. पंकज कुमार सिंह वर्तमान में धनबाद के भूली में रहकर कोयला और जमीन का कारोबार कर रहा था. इसे भी पढ़ें-1">https://lagatar.in/the-conversation-between-the-agitating-students-and-the-secretary-lasted-for-1-hour-will-meet-amitabh-chaudhary-on-november-23/">1घंटे तक चली आंदोलनरत छात्रों और सचिव की बातचीत, 23 नवंबर को अमिताभ चौधरी से करेंगे मुलाकात [wpse_comments_template]
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