Akshay Kumar Jha
Ranchi: झारखंड में बेरमो और दुमका दोनों विधानसभा में तीन नवंबर को मतदान होना है. तीन दिनों के बाद चुनावी प्रचार का शोर थमने वाला है. देर से शुरू होने वाली बीजेपी अब फ्रंटफुट पर आकर खेल रही है. वैसे जेएमएम और कांग्रेस ने भी दोनों विधानसभाओं के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है.
गठबंधन सरकार और विपक्ष के सभी स्टार प्रचारक चुनाव में व्यस्त है. यहां सबसे दिलचस्प बात यह है कि झारखंड में आज तक जितने भी मुख्यमंत्री हुए. उनमें सिर्फ मधु कोड़ा को छोड़ कर इस उपचुनाव में सभी की साख दांव पर लगी हुयी है.
चुनाव प्रचार का आलम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है बेरमो विधानसभा चुनाव में मंगलवार यानी आज सूबे के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी और मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोनों अपने उम्मीदवार के लिए वोट मांग रहे हैं. बेरमो में महागबंधन की तरफ से जहां जयमंगल सिंह (अनुप सिंह) चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं बीजेपी की तरफ से पूर्व विधायक योगेश्वर बाटुल मैदान में हैं.
पांच मुख्यमंत्रियों ने झोंक रखी है ताकत
झारखंड में आज तक छह मुख्यमंत्री हुए. पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, दूसरे मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, तीसरे मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, बीच में मधु कोड़ा, फिर हेमंत सोरेन और रघुवर दास. मधु कोड़ा को छोड़ सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं.
बड़े नेताओं के लिए उपचुनाव बनी नाक की लड़ायी
अपने जाने-माने अंदाज में रघुवर दास विपक्ष पर बार-बार हमला कर रहे हैं, तो वहीं बाबूलाल मरांडी अपनी छवि को फिर से भुनाने के लिए लगातार दुमका और बेरमो का दौरा कर रहे हैं.बीजेपी के लिए फिलर का काम अर्जुन मुंडा और बाकी प्रदेश स्तर के बड़े नेता कर रहे हैं. वहीं जेएमएम के लिए यह चुनाव नाक की लड़ायी बनी हयी है. लिहाजा पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और उनके पुत्र मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन महागठबंधन की तरफ से स्टार प्रचारकों में से एक हैं. सोरेन परिवार के अनुज बसंत सोरेन दुमका से मैदान में हैं. इसलिए भाई और पिता दोनों ने अपना पूरा जोर लगा दिया है.
बीजेपी की तरफ से निशिकांत की वाइल्ड इंट्री
कोरोना काल में महज तीन दिन अपने लोकसभा में बिताने वाले बीजेपी से गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे चुनाव के आखिरी प्रचार के दौर में दुमका पहुंच रहे हैं. कोरोना काल में सोशल मीडिया पर निशिकांत की राजनीति हावी रही. वो लगातार सीएम हेमंत सोरेन पर हमलावर रहे. एक मामला तो कोर्ट तक पहुंचा. इस बीच सांसद निशिकांत का दुमका पहुंच कर सोरेन परिवार पर हमला करना एक जबरदस्त राजनीति उठापटक की ओर इशारा कर रहा है. देखना दिलचस्प होगा कि निशिकांत कौन सा चुनावी तीर अपनी तरकश में लेकर आए हैं. वहीं हेमंत किस तरह से दुमका में अपनी विरासत बचाते हैं. मतदान के महज पांच दिन पहले बीजेपी की तरफ से निशिकांत दुबे की यह इंट्री वाइल्ड इंट्री मानी जा रही है.