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झारखंड CID ने पहली बार आरोपी को दिलाई 10 साल की सजा

Ranchi: झारखंड में पहली बार अपराध अनुसंधान विभाग यानि सीआईडी ने किसी आरोपी को 10 साल की सजा दिलाई है. सीआईडी ने झारखंड राज्य सहकारी बैंक में 2.50 करोड़ के घोटाले में शामिल मुख्य आरोपी विजय कुमार सिंह को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले की अनुसंधान सीआईडी कर रही थी. सीआईडी के तत्कालीन एडीजी अनिल पालटा के नेतृत्व में सीआईडी की टीम ने इस पूरे मामले की जांच की थी. गौरतलब है कि 2.50 करोड़ के घोटाले की जांच साल 2020 में सीआईडी ने टेकओवर किया था. इसे भी पढ़ें - सरकारें">https://lagatar.in/governments-kept-changing-but-naxal-incidents-did-not-stop-20-soldiers-were-martyred-in-33-months/">सरकारें

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तीन लोगों पर हुई थी प्राथमिकी दर्ज

झारखंड राज्य सहकारिता बैंक सरायकेला में घोटाले का खुलासा मुख्यालय द्वारा गठित जांच कमेटी ने किया था. इस मामले की जांच में पाया गया था कि बैंक अधिकारियों ने निजी स्वार्थ के लिए नियमों को ताक पर रख कर 2.50 करोड़ का लोन एक ही व्यक्ति विजय कुमार सिंह को दे दिया. यह लोन 11 मार्च 2019 को दिया गया था. जिसके बाद अभी तक बैंक को लोन की कोई वापसी नहीं हो पायी. इस मामले को लेकर सरायकेला शाखा प्रबंधक दिनेश चंद्र गगराई ने तीन लोगों को मुख्य आरोपी बनाया था. उन्होंने तत्कालीन महाप्रबंधक सुशील कुमार, शाखा प्रबंधक प्रदीप कुमार सामल और लोन लेने वाले विजय कुमार सिंह पर सरायकेला में ही प्राथमिकी दर्ज करायी थी. अधिकारियों ने उस व्यक्ति को लोन दिया, जिसपर पहले से ही सरायकेला थाना में गबन के कई मामले दर्ज हैं.

बिना कमेटी की अनुमति के ही जारी कर दिया लोन

सहकारिता बैंक नियमों के अनुसार, पांच लाख से अधिक लोन देने के लिए मुख्यालय में क्रेडिट कमेटी का गठन किया गया है. यह किसी भी बड़े लोन को देने से पहले कई चरणों की जांच करती है. साथ ही यह भी बताया जाता है कि आवेदक इस कर्ज को चुका सकेगा या नहीं. यह देखा जाता है कि लोन लेने वाले व्यक्ति पर पहले से कोई मामला है या नहीं. लेकिन अधिकारियों ने बिना इस कमेटी से अनुमति लिए विजय कुमार सिंह को लोन दे दिया था. इसे भी पढ़ें –सुप्रीम">https://lagatar.in/after-supreme-court-nhrc-also-objected-to-modis-picture-in-email-said-did-not-know-that-we-were-being-used/">सुप्रीम

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