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बिना प्रबंधन के चल रहा है झारखंड सहकारी बैंक

Ranchi  :  राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों तक मूलभूत जरूरतों को पहुंचाने वाला झारखंड राज्य सहकारी बैंक इन दिनों अपने आंतरिक परेशानी से जूझ रहा है. झारखंड सहकारी बैंक इन दिनों बिना प्रबंधन के चल रहा है. बैंक में पिछले 2 माह से प्रशासक और 6 माह से सीईओ के पद खाली हैं. कई बार विभागीय मंत्री को इसकी जानकारी दी गयी है, लेकिन वे भी इस पर गंभीरता से विचार नहीं कर रहे हैं. यह जानकारी बुधवार को बैंक के शहीद चौक स्थित मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में झारखंड राज्य सहकारी बैंक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल पन्ना दी हैं. इस दौरान संघ के महासचिव चंदन कुमार प्रसाद, कोषाध्यक्ष निखिल बंका, राजीव कुमार सहित कई कर्मचारी उपस्थित थे.

अंतिम बार रमेश घोलप प्रशासक और प्रेम प्रकाश बनाये गये थे सीईओ

संघ ने जानकारी दी है कि बैंक संचालन के लिए विगत 30 जुलाई को सरकार द्वारा प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रमेश घोलप गोरख को नियुक्त किया गया था. लेकिन 3 माह के अंदर 25 अक्टूबर को उनका तबादला कर दिया गया. 2 माह भी प्रशासक के पद को भरा नहीं गया है. इसी तरह बैंक में सीईओ के पद पर विगत 16 सितंबर 2020 को प्रेम प्रकाश को नियुक्त किया गया था. 30 जून 2021 को उनके इस्तीफे के बाद से यह पद खाली है. ऐसे में बैंक की नीतियों के क्रियान्वयन के लिए कोई सक्षम पदाधिकारी नहीं हैं. इसे भी पढ़ें – खेल">https://lagatar.in/people-of-five-naxal-affected-districts-will-be-connected-with-the-mainstream-through-sports-hemant/">खेल

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बिना प्रबंधन के अनाथ हो चुका है सहकारी बैंक

अध्यक्ष अनिल पन्ना ने बताया कि सहकारी बैंक बिना प्रबंधन के अनाथ हो चुका है. प्रशासक और सीईओ के खाली पद के कारण बोर्ड का गठन भी नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बैंक अपनी भूमिका पूर्व की तरह निभा सके. अध्यक्ष पन्ना ने कहा कि जरूरत पड़ने पर विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर बैंक के प्रबंधन रहित होने की स्थिति से अवगत कराया जायेगा.

सहकारी बैंक के विकास से ग्रामीण जनता और किसानों की प्रगति में मिलेगा मदद

महासचिव ने कहा कि सहकारी बैंक के विकास से राज्य की ग्रामीण जनता और किसानों की प्रगति में मदद मिलेगी. साथ ही राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुद्ढ होगी. चंदन प्रसाद ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से राज्य को नई ऊचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है. ऐसे में सरकार को बैंक की हालत पर गंभीरतापूर्वक विचार कर कार्रवाई करनी चाहिए. इसे भी पढ़ें –  गृह">https://lagatar.in/why-is-the-modi-government-trying-to-save-ajay-mishra-teni-minister-of-state-for-home/">गृह

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