Nilay Singh
Ranchi : 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में झारखंड की सीटों को लेकर तनातनी तय लगता है. इसको लेकर गठबंधन के सभी दल अपने -अपने दावे कर रहे हैं. 16 अगस्त को दिल्ली में कांग्रेस के आला नेताओं के साथ हुई बैठक में कांग्रेस ने अपनी रणनीति बना ली है. बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल मौजूद थे. कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने पिछली बार की तरह झारखंड की 14 में से 9 सीटों पर कांग्रेस के चुनाव लड़ने की बात कही है. साथ ही यह भी कहा है कि 14 सीटों पर जीत हासिल करना गठबंधन का लक्ष्य है. अविनाश पांडे के इस बयान के बाद गठबंधन दलों ने खुलकर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन गठबंधन के अंदर इसको लेकर खासी चर्चा है.
गोड्डा और कोडरमा पर भी कांग्रेस का दावा
2019 के चुनाव में कांग्रेस ने यूपीए गठबंधन के तहत सात सीटों पर चुनाव लड़ा था. जेएमएम के हिस्से चार सीटें आई थीं. दो सीटें जेवीएम को दी गई थी. जबकि, राजद को सिर्फ एक सीट मिली थी. हालांकि राजद चतरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और राजद के बीच दोस्ताना संघर्ष हुआ था. इस बार कांग्रेस ने सात के बजाय नौ सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है. पिछली बार की सात सीटों के अलावा गोड्डा और कोडरमा पर भी उसका दावा है. कांग्रेस का मानना है कि जेवीएम की दो सीटें उसने अपने कोटे से छोड़ी थीं. इसलिए इन दोनों सीटों पर उसका दावा बनता है.
सबसे ज्यादा जिच चाईबासा, चतरा और हजारीबाग सीट को लेकर
कांग्रेस ने जिन नौ सीटों पर लड़ना तय किया है, उनमें सिंहभूम, खूंटी, चतरा, धनबाद, रांची, लोहरदगा, हजारीबाग, गोड्डा और कोडरमा शामिल हैं. फिलहाल, इनमें से मात्र एक सीट सिंहभूम उसके कब्जे में है, जहां से गीता कोड़ा सांसद हैं. जमशेदपुर सीट पर पिछली बार झामुमो ने अपने प्रत्याशी उतारे थे. कांग्रेस के डॉ अजय कुमार की नजर भी इस सीट पर है. इस बार इंडिया गठबंधन में झारखंड की सीटों के बंटवारे को लेकर सबसे ज्यादा जिच चाईबासा, चतरा और हजारीबाग सीट को लेकर होगी.
चाईबासा सीट पर झामुमो का दावा
झामुमो ने चाईबासा सीट पर दावा ठोक रखा है. जेएमएम का तर्क है कि चाईबासा लोकसभा की विधानसभा सीटों में मात्र एक सीट को छोड़ बाकी पर झामुमो का कब्जा है. लेकिन यह कांग्रेस की सीटिंग सीट है. ऐसे में यहां टकराव होगा.
वाम दलों का हजारीबाग सीट पर स्वाभाविक दावा
वाम दलों का हजारीबाग सीट पर स्वाभाविक दावा बनता है, क्योंकि सीपीआई के भुनेश्वर मेहता वहां से 2004 में चुनाव जीत चुके हैं. पिछले चुनाव में यूपीए गठबंधन में वाम दल शामिल नहीं थे. लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन में वाम दलों को भी सीट देना गठबंधन की मजबूरी होगी.
चतरा सीट पर टकराव की आशंका
चतरा तीसरी सीट है, जहां पर टकराव होने की आशंका है. इस सीट पर राजद चुनाव जीत चुका है और इसी आधार पर वह इसके लिए दावा करता है. पिछली बार कांग्रेस और राजद दोनों इस सीट पर लड़े. हालांकि दोनों को ही मुंहकी खानी पड़ी और सीट भाजपा के खाते में चली गयी.
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