Ranchi : प्रदेश कांग्रेस के चेयरमैन मीडिया विभाग सतीश पौल मुजनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बाबूलाल जी का बयान न सिर्फ भड़काऊ है, बल्कि तथ्यों से कोसों दूर है. भाजपा पहले अपना रिकॉर्ड बताए, फिर उपदेश दे.
चर्च सुरक्षा पर राजनीति क्यों
सिमडेगा जिला प्रशासन ने चर्च की सुरक्षा को लेकर जो बैठक की, वह संवैधानिक और आवश्यक कदम है. किसी भी धार्मिक स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन का दायित्व है. इसे मतांतरण संरक्षण कहना ईसाई समुदाय के प्रति संदेह पैदा करने और नफरत फैलाने की सोची-समझी कोशिश है.
भाजपा राज में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की असलियत
भाजपा शासन में झारखंड में धार्मिक स्थलों पर हमले, अतिक्रमण और विवाद लगातार हुए, लेकिन न कोई संवैधानिक पहल हुई, न सुरक्षा की नीति बनी. सिमडेगा, गुमला, खूंटी और लोहरदगा जिलों में 500 से अधिक सरना-मसना और हड़गड़ी स्थलों पर अतिक्रमण हुआ.
मांझी थान, जाहिर थान और पारंपरिक पूजा स्थलों पर 40 से अधिक विवाद हुए, लेकिन कोई सर्वे नहीं किया गया. रांची, धनबाद, चाईबासा और गिरिडीह में मंदिरों पर 50 से अधिक हमले और मूर्ति क्षति की घटनाएं हुईं. मस्जिदों और गुरुद्वारों के आसपास 20 से अधिक तनावपूर्ण घटनाएं हुईं, लेकिन प्रशासन मौन रहा.
क्या बाबूलाल मरांडी जवाब देंगे
बाबूलाल मरांडी को बताना चाहिए कि इन घटनाओं पर राज्यपाल, डीजीपी, डीसी-एसपी स्तर पर एक भी बैठक कब बुलाई गई थी? अब धार्मिक ध्रुवीकरण नहीं, समान सुरक्षा की नीति चाहिए.
इंडिया गठबंधन ने मांग की है कि किसी भी समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान पर तत्काल कार्रवाई हो. मुंजनी ने कहा कि जनता नफरत नहीं, न्याय और सम्मान चाहती है. चर्च हो या सरना स्थल, हर धार्मिक आस्था का सम्मान और संरक्षण जरूरी है.
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