मात्र 66 रुपये 66 पैसे रोज मिलता है
रसोईया संघ की प्रदेश कोषाध्यक्ष अनिता देवी ने कहा कि सरकारी विद्यालय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालय में गांव की गरीब महिलाएं रसोईया एवं संयोजिका पद पर शुरू में 50 रुपये महीना पर काम करती थी. आज के समय में मात्र 66 रुपये 66 पैसे रोज पर काम सरकार रसोईया से करवा रही है. संयोजिका से मुफ्त में काम ले रही है.बकाया मानदेय का भुगतान किया जाये - देवकी देवी
देवकी देवी ने बताया कि खूंटी जिला में रसोईया का वर्ष 2019 का 5500 रुपये मानदेय बकाया है. वर्ष 2022 का सिमडेगा, गोड्डा, लातेहार जिला का पांच महीने का एवं रामगढ़ जिला में 6500 रुपये वर्ष 2020 का बकाया है. इसका भुगतान किया जाये. इसके साथ ही विद्यालय के बच्चों के लिए निजी कंपनी द्वारा एक ही सेंटर में 1 लाख बच्चों का भोजन बनाकर सप्लाई करने की योजना है. यह भोजन पूरी तरह से केमिकल युक्त होगा. इस भोजन से बच्चों को प्रतिकूल असर पड़ेगा. इसलिए इस पर तुरंत रोक लगायी जाये. साथ ही हटायी गयी रसोईया संयोजिका को पुनः काम पर रखा जाये.रसोईया संघ की मुख्य मांगें
1. पारा शिक्षक के तर्ज पर स्थायी सेवा शर्त नियम बना कर स्थायी किया गाए. 2. आंगनवाड़ी सेविका सहायिका के तर्ज पर मानदेय दिया जाए. 3. साल में 2 साड़ी दी जाए. 4. 5 लाख का निःशुल्क बीमा कराया जाएगा. 5. सेवा समाप्ति के बाद पेंशन लागू किया जाए. इसे भी पढ़ें – मेसर्स">https://lagatar.in/order-of-action-against-m-s-amalgam-steel-power-limited/">मेसर्सअमलगम स्टील एंड पावर लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई का आदेश [wpse_comments_template]
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