- केंद्र लिख चुका है चार पत्र, हाईकोर्ट में भी आ चुका है मामला
पेसा निर्वाचन नियमावली के बिना आदिवासी इलाकों में नहीं कराये जा सकते पंचायत चुनाव
आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के प्रभाकर कुजूर कहते हैं- हाईकोर्ट ने W.P.(PIL)1589-2021 के मामले में राज्य में पेसा नियमावली नहीं होने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन राज्य सरकार ने पेसा को लेकर न्यायालय को भी गुमराह करने का काम किया है. जब तक पेसा नियमावली नहीं बन जाती, तब तक संवैधानिक रूप से अनुसूचित इलाके में पंचायत चुनाव नहीं कराये जा सकते. नया राज्य बने 21 साल हो चुका है. लेकिन सरकार ने पेसा नियमावली नहीं बनाकर आदिवासी इलाके में शोषण और लूट को बढावा देने का काम किया है. चाहे जिस दल की सरकार रही हो, इसके लिए सभी दोषी हैं. भाजपा, झामुमो, कांग्रेस, आजसू सभी पार्टीयों ने आदिवासियों को संवैधानिक अधिकारों से बंचित करने का काम किया है.गैर अनुसूचित इलाके में चुनाव कराया जा सकता है
प्रभाकर कुजूर कहते हैं- राज्य के गैर अनुसूचित इलाके में पंचायत चुनाव कराया जा सकता है, लेकिन अनुसूचित इलाकों में पंचायत चुनाव बिना पेसा नियमावली और निर्वाचन नियमावली बने संभव नहीं है. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने राज्य की त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को अगले पंचायत चुनाव तक के लिए अवधि विस्तार दिया है. इस संबंध में पंचायती राज विभाग ने 8 अगस्त 2021 को अधिसूचना जारी की थी. अधिसूचना में पूर्व में निर्वाचित प्रतिनिधियों को आगामी चुनाव तक कार्य करने का प्रवधान है. इसे भी पढ़ें – BIG">https://lagatar.in/rk-rana-died-during-treatment-went-to-delhi-on-tuesday-by-air-ambulance/">BIGBREAKING: आरके राणा की इलाज के दौरान मौत, एयर एंबुलेंस से मंगलवार को गए थे दिल्ली [wpse_comments_template]

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