Ranchi : झारखंड सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले 23 नक्सलियों और उग्रवादियों को राज्य की आत्मसमर्पण नीति के तहत आर्थिक सहायता राशि प्रदान की है. गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव ने राशि आवंटन को लेकर आदेश दिया है. सरकार का यह कदम राज्य में नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में कमी
सरकारी प्रयासों और आत्मसमर्पण नीति की सफलता के कारण झारखंड में नक्सलवाद की समस्या 95 प्रतिशत तक खत्म हो चुकी है. अब राज्य में केवल पांच जिले ही नक्सल प्रभावित रह गए हैं, जिनमें गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. पूरे देश के पांच राज्यों के 12 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में झारखंड का केवल एक जिला (पश्चिमी सिंहभूम) शामिल है.
आत्मसमर्पण करने वाले इन 23 नक्सलियों को मिली आर्थिक सहायता
- उम्रेश यादव : 2 लाख
- जीवन कंडुलना : 2.30 लाख
- बोयदा पाहन : 30 हजार
- बिरसा मुंडू : 30 हजार
- गोंदा पाहन : 30 हजार
- गोपाल गंझू : 30 हजार
- बिरसा मुंडा : 30 हजार
- कारगिल यादव : 30 हजार
- संतोष गंझु : 1.18 लाख
- राहुल गंझु : 1.07 लाख
- मनेश्वर गंझु : 1.07 लाख
- विनोद दास : 3 लाख
- गणेश लोहरा : 3 लाख
- तिलकमेन साहू : 2.50 लाख
- ललित बड़ाइक : 2.50 लाख
- राजो सिंह : 2.50 लाख
- दीपक मांझी : 2.50 लाख
- सियोजन टोपनो : 2.50 लाख
- कमल सिंह : 2.50 लाख
- महेश्वर सिंह : 2.50 लाख
- संतोष सिंह : 2.50 लाख
- विनोद मुंडा : 2.50 लाख
- आकाश सिंह : 2.50 लाख
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