Ranchi : राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा आयोजित रबी कार्यशाला में CSR और DMFT का पैसा खर्च करने की अनुमति मांगी है. साथ ही कृषि से संबंधित योजनाओं में बदलाव से संबंधित कई सुझाव दिये. भारत सरकार के केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय (15-16 सितंबर) कार्यशाला में 18 राज्यों के कृषि मंत्री, अधिकारी और कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे. झारखंड सरकार का प्रतिनिधत्व कृषि विभाग के विशेष सचिव गोपाल जी तिवारी के नेतृत्व में दिल्ली गए अधिकारियों ने किया.
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कृषि योजनाओं में बदलाव के मुद्दे पर राज्यों की राय जानने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया था. इसमें राज्य सरकार ने केंद्रीय योजनाओं में बदलाव के मुद्दे पर चार महत्वपूर्ण सुझाव दिये. साथ ही कृषि योजनाओं में केंद्रीय अनुदान को अपर्याप्त होने की वजह से उसमें राज्य सरकार द्वारा भी अनुदान देने की बाध्यता का उल्लेख किया. इससे राज्य पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को कम करने के लिए CSR और DMFT की राशि के इस्तेमाल की अनुमति मांगी.
राज्य सरकार की ओर से यह तर्क पेश किया गया कि औद्योगिकीकरण माइनिंग से पर्यावरण में होने वाले बदलाव का सबसे ज्यादा प्रभाव कृषि पर पड़ता है. इसलिए राज्य सरकार को कृषि योजनाओं में CSR और DMFT के पैसे के इस्तेमाल की अनुमति मिलनी चाहिए.
राज्य सरकार की ओर से कृषि योजनाओं में केंद्रीय अनुदान को अपर्याप्त बताया गया. इस मामले में कृषि यांत्रिकीकरण योजना को बतौर उदाहरण पेश किया गया. इस योजना में केंद्र सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देती है. राज्य सरकार भी अपने कोष से कृषि यांत्रिकीकरण योजना चलाती है. इसमें राज्य सरकार 80% अनुदान देती है.
राज्य में SC, ST की बड़ी आबादी है. इस समूह को कृषि यांत्रिकीकरण योजना का लाभ देने के लिए राज्य सरकार को केंद्र द्वारा संचालित कृषि यांत्रिकीकरण योजना में अपने कोष से 30% का टॉपअप देना पड़ता है. CSR और DMFT के पैसों का इस्तेमाल करने की अनुमति देने पर राज्य पर पड़ने वाला आर्थित बोझ कम होगा. साथ ही योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा सकेगा.
राज्य सरकार के महत्वपूर्ण सुझाव
- कृषि योजनाओं में CSR और DMFT के इस्तेमाल की अनुमति दें.
- कृषि योजनाओं में राष्ट्रीय प्राथमिकता, राज्यों की प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित करें.
- RKVY और कृष्णोदय योजना से जुड़ी छोटी-छोटी योजनाओं की राशि का इस्तेमाल एक-दूसरे में करने का अधिकार मुख्य सचिव की अध्यतक्षता वाली समिति को दें.
- कृषि से जुड़ी योजनाओं की उपलब्धि की इकाई परिवार के बदले क्लस्टर के आधार पर किया जाये. 100 गांव के समूह को क्लस्टर माने.
- झारखंड में 85% कृषि वर्षा आधारित है. यहां किसानों की आय बढ़ाने के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य, सामाजिक रूप से स्वीकार्य और सांस्कृतिक रूप से अनुकूल 'एकीकृत कृषि मॉडल' विकसित करें. इसमें PDMC, MIDH, KCC और Soil health को शामिल करें, ताकि किसानों को एक ही साथ इसका लाभ मिल सके.
- Anual action plan के साथ ही Convergence plan का ब्योरा मांगे और स्वीकृत करें, ताकि बाद में Convergence में होने वाली परेशानी से बचा जा सके.
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