Ranchi : झारखंड पेयजल विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक के खातों का ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. यह ऑडिट जिला स्तर और राज्य स्तर पर किया जाएगा.
ऑडिट का उद्देश्य वित्तीय नियंत्रणों की पर्याप्तता और प्रभावशीलता का आकलन करना है. ऑडिट यह सुनिश्चित करेगा कि सभी व्यय निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार किए गए हैं. साथ ही ऑडिट वित्तीय रिपोर्टों की विश्वसनीयता और सटीकता का आकलन करेगा.
कितने का है प्रोजेक्ट, कितना हुआ खर्च
जल जीवन मिशन के लिए झारखंड में 24,636 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था. इसमें केंद्र सरकार का अंशदान 5,703.28 करोड़ और राज्य सरकार का अंशदान 6,515.19 करोड़ है. राज्य सरकार ने केंद्र से 6,324 करोड़ रुपये की मांग की है. अब तक इस योजना में 12,218.97 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
झारखंड में जल जीवन मिशन की क्या है स्थिति
झारखंड में जल जीवन मिशन के तहत 62.54 लाख घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाना है. अब तक राज्य के सिर्फ 34.42 लाख घरों में ही नल से जल पहुंच पाया है, जो कि लगभग 55% है. 28.11 लाख घर अभी भी इस योजना से वंचित हैं.
ऑडिट के दायरे में इन चीजों को किया जाएगा शामिल
• रांची स्थित पीएमयू के खातों का ऑडिट किया जाएगा.
• झारखंड राज्य के 24 जिलों में स्थित 42 प्रभागों के खातों का ऑडिट किया जाएगा.
• राज्य स्तर और जिला स्तर पर सभी प्रभागों के लिए बैंक समाधान किया जाएगा.
• राज्य कार्यालयों में दिए गए मोबिलाइजेशन अग्रिम व उस पर ब्याज की वसूली का ऑडिट किया जाएगा.
• ऑडिट रिपोर्ट में लेखा परीक्षक के अवलोकन और सिफारिशें शामिल होंगी.
• ऑडिट रिपोर्ट में बैलेंस शीट और आय-व्यय खाता शामिल होगा.
• ऑडिट रिपोर्ट में कार्यक्रमवार और जिलावार व्यय विवरण शामिल होगा.
• जिला और राज्य स्तर पर संबंधित वित्तीय वर्ष की उपयोगिता प्रमाण पत्र तैयार की जाएगी.
अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड पीछे
• उत्तराखंड : 97.63% घरों में नल से जल पहुंच चुका है.
• बिहार : 95.71% घरों में नल से जल पहुंच चुका है.
• उत्तर प्रदेश : 90.07% घरों में नल से जल पहुंच चुका है.
• छत्तीसगढ़ : 81.16% घरों में नल से जल पहुंच चुका है.
• झारखंड : सिर्फ 55% घरों में ही नल से जल पहुंच पाया है.
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