Ranchi : झारखंड सरकार ने सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब वे भी न्यायालय द्वारा बुलाए जाने पर साक्ष्य देने के लिए किए गए यात्रा पर हुए खर्च की प्रतिपूर्ति के हकदार होंगे.
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उन न्यायिक मामलों में, जहां राज्य सरकार पक्षकार है, सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को न्यायालय द्वारा बुलाए जाने पर साक्ष्य देने के लिए किए गए यात्रा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी. सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को यात्रा भत्ता का भुगतान उस विभाग या कार्यालय से किया जाएगा, जिसके अधीन वे अंतिम रूप से कार्यरत थे.
वेतनमान के अनुरूप भत्ता
सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को यात्रा भत्ता उनके सेवानिवृत्ति के समय धारित वेतनमान के अनुरूप अनुमान्य होगा. सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को किए गए यात्रा पर हुए व्यय की निकासी देशीय यात्रा व्यय मद से की जाएगी.
इस निर्णय से सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को न्यायालय द्वारा आहूत किए जाने पर साक्ष्य देने के लिए किए गए यात्रा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति मिलेगी, जिससे उन्हें वित्तीय कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा.
क्या हो रही थी कठिनाई
राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त कर्मियों को न्यायालय के समक्ष गवाही हेतु किए गए यात्रा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति नहीं की जाती है, जबकि इन मामलों में राज्य सरकार पक्षकार होती है और न्यायालय के मास निदेश के आलोक में गवाही के निमित उक्त यात्रा की अनिवार्यता होती है.
इन शर्तों पर मिलेगा यात्रा भत्ता
• उन न्यायिक मामलों में, जहां राज्य सरकार पक्षकार है, सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को न्यायालय द्वारा आहूत किए जाने पर साक्ष्य देने के लिए किए गए यात्रा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
• सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को यात्रा भत्ता का भुगतान उस विभाग या कार्यालय से किया जाएगा, जिसके अधीन वे अंतिम रूप से कार्यरत थे.
• सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को यात्रा भत्ता उनके सेवानिवृत्ति के समय धारित वेतनमान के अनुरूप अनुमान्य होगा.
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