Ranchi : झारखंड सरकार ने विकास योजनाओं और औद्योगिक परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने कल शुक्रवार को विस्थापन आयोग के गठन से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी.
अधिसूचना के अनुसार आयोग का गठन विशेष रूप से उन परियोजनाओं के संदर्भ में किया गया है, जिनके कारण ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण और विस्थापन की स्थिति उत्पन्न होती है. बताया गया है कि आयोग विस्थापित परिवारों की समस्याओं का समाधान सुझाने, मुआवजा वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और पुनर्वास नीति के प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करने का कार्य करेगा.
आयोग का स्वरुप
अधिसूचना में आयोग की संरचना भी तय की गयी है. इसमें एक अध्यक्ष, दो सदस्य और संबंधित विभागों के नामित अधिकारी शामिल होंगे. अध्यक्ष का पद राज्य सरकार द्वारा नामित वरिष्ठ पदाधिकारी या सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी को दिया जा सकता है.
आयोग की प्रमुख जिम्मेदारियां
विस्थापित परिवारों की पहचान और सत्यापन : प्रभावित परिवारों की सूची का परीक्षण कर उन्हें मुआवजा और पुनर्वास का लाभ दिलाना.
मुआवजा और पुनर्वास पैकेज की समीक्षा  :  यह सुनिश्चित करना कि किसी भी परियोजना के तहत प्रभावित परिवारों को न्यायसंगत और समयबद्ध मुआवजा मिले.
आजीविका के विकल्प  : विस्थापन के बाद प्रभावित परिवारों के लिए रोजगार, कौशल विकास और स्थायी आजीविका के अवसर सुनिश्चित करना.
नीति सुधार पर सुझाव : आयोग समय-समय पर सरकार को रिपोर्ट और सिफारिशें देगा ताकि विस्थापन से जुड़े नियमों को और अधिक पारदर्शी व मानवीय बनाया जा सके.
जन-सुनवाई और शिकायत निवारण : प्रभावित परिवार अपनी समस्याएं सीधे आयोग के सामने रख सकेंगे.
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