Search

झारखंड : राज्यपाल रमेश बैस ने एंटी मॉब लिंचिंग बिल वापस किया, कई बिंदुओं पर सवाल खड़े किये

Ranchi : एंटी मॉब लिंचिंग बिल को  झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कई सवाल खड़े करते हुए वापस पर दिया है. सरकार की ओर से पेश किया गया यह बिल बीते 21 दिसंबर को झारखंड विधानसभा में पारित किया गया था. इसके दो माह बाद इस बिल को राज्यपाल के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया था.जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने विधेयक के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति की है. उन्होंने कहा है कि इस बिल में भीड़ को सही तरीके से परिभाषित नहीं किया गया है. इसे भी पढ़ें-लातेहार">https://lagatar.in/latehar-shot-fired-in-baresad-two-youths-injured/">लातेहार

: बारेसाढ़ में चली गोली, दो युवक घायल श्री बेस ने बिल  के हिंदी और अंग्रेजी प्रारूप में भी अंतर बताया है. बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने इस बिल पर विधि विभाग की राय ली थी. समझा जा रहा  है कि सरकार आपत्तियों का निवारण करने के बाद यह बिल दुबारा राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजेगी. उनके हस्ताक्षर के बाद ही यह बिल कानून का रूप ले पाएगा.हाल में विधानसभा में राज्य सरकार ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि 2016 से लेकर अब तक राज्य में मॉब लिंचिंग की 46 घटनाएं हुई हैं. इसे भी पढ़ें-AAP">https://lagatar.in/new-ministers-of-aap-government-will-take-oath-on-saturday-some-big-decisions-are-possible-in-the-first-cabinet-meeting/">AAP

सरकार के नये मंत्री शनिवार को लेंगे शपथ, कैबिनेट की पहली बैठक में कुछ बड़े फैसले संभव

बिल में कई प्रावधान

मालूम हो कि इस बिल में कई प्रावधान हैं.अगर मॉब लिंचिंग में किसी की मौत हो जाती है तो दोषी को आजीवन कारावास तक की सजा होगी. वही इसमें गंभीर चोट आने पर 10 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. उकसाने वालों को भी दोषी माना जाएगा और उन्हें तीन साल की सजा होगी. अपराध से जुड़े किसी साक्ष्य को नष्ट करने वालों को भी अपराधी माना जाएगा. साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा के साथ पीड़ित के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है. [wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp