हत्याकांड मामले में दो गिरफ्तार, रांची के स्टेशन रोड में हुई थी हत्या)
अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता द्वारा HC में प्रस्तुत किये गये दस्तावेज और दावे गलत थे
ईडी की जांच में पता चला है कि अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में प्रस्तुत किये गये जयंत कर्नाड के दस्तावेज और दावे गलत थे. उन्होंने जानबूझकर हाईकोर्ट के समक्ष विशिष्ट तथ्यों को छुपाया, क्योंकि सेना खुद किराये का भुगतान करने के लिए सही दावेदार की तलाश कर रही थी. उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष इस तथ्य को छुपाया कि याचिकाकर्ता यानी जयंत कर्नाड के पास उत्तराधिकार प्रमाणपत्र नहीं है, जो कि बचाव पक्ष द्वारा आवश्यक था. जयंत कर्नाड और हिमांशु कुमार मेहता ने साथ मिलकर झारखंड हाईकोर्ट से कागजात या साक्ष्य तैयार करके अनुकूल आदेश प्राप्त किये, जो संपत्ति के लिए जयंत कर्नाड के उत्तराधिकार को साबित कर सकते थे. ईडी ने कहा है कि उनकी मां मालती कर्नाड और स्व. बीएम मुकुंद राव का खून का रिश्ता है. ईडी की जांच में यह भी पता चला कि बीएम मुकुंद राव के पुत्र बीएम लक्ष्मण राव का नाम एमएस प्लॉट नंबर की रैयत के रूप में दर्ज है. इसे भी पढ़ें : झारखंड">https://lagatar.in/jharkhand-tribal-cricketer-robin-minz-selected-for-ipl-training-of-mumbai-indians/">झारखंड: ट्राइबल क्रिकेटर रॉबिन मिंज का मुंबई इंडियंस की आईपीएल ट्रेनिंग के लिए चयन, जायेंगे इंग्लैंड [wpse_comments_template]
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