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झारखंड IT का खुलासाः काले धन पर दावा करने वाला गुजराती दंपत्ति ने खुद को 1000 करोड़ का सब्जी व्यापारी बताया था

LAGATAR EXPOSE

Ranchi : नीना शाह ने गिरिडीह पुलिस द्वार जब्त 4.01 करोड़ पर अपना दाव पेश करने के लिए खुद को सब्जी व्यापारी बताया था. साथ ही अपनी कंपनी का टर्नओवर 1000 करोड़ रुपये होने का फर्जी दस्तावेज तैयार किया था. गिरिडीह पुलिस द्वारा पांच करोड़ रुपये के लूट कांड में बरामद किये गये 4.01 करोड़ पर अपना दावा पेश करने के लिए खुद को सब्जी व्यापारी बताया था. आयकर विभाग द्वारा मामले में जारी जांच के दौरान इस बात का पर्दाफाश हुआ है.

 

उल्लेखनीय है कि मयूर सिंह नामक एक कार ड्राइवर ने 21 जून 2023 को आधी रात गिरिडीह जिले के जमुआ थाना में पांच करोड़ रुपये लूट की प्राथमिकी (256/2023) दर्ज करायी थी. इसमें यह दावा किया गया था वह मयूर सिंह कुछ लोगों के साथ पटना के DY company से पांच करोड़ रुपये नकद लेकर कोलकाता स्थित कंपनी के कार्यालय में पहुंचाने जा रहा था. रास्ते में XUV300 कार ने उसकी क्रेटा को आवरटेक कर रुकने पर मजबूर किया. क्रेटा कार छीन कर ले गये. पांच करोड़ रुपये लूटने के बाद क्रेटा कार को थोड़ी दूर पर छोड़ दिया. 

 

पुलिस ने इस लूट कांड की जांच के दौरान 4.01 करोड़ रुपये बरामद कर लिया. मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पटना की DY company को ढूंढने में नाकाम होने के बाद लूट और बरामदगी की सूचना आयकर विभाग को दी. आयकर विभाग द्वारा पुलिस से बरामद रुपयों की मांग की गयी ताकि आगे की जांच की जा सके. लेकिन पुलिस यह कहते हुए आयकर विभाग को 4.01 करोड़ रुपये देने से इनकार कर दिया कि यह कोर्ट की संपत्ति है. इसके बाद आयकर विभाग रुपयों को अपने हवाले करने की मांग को लेकर गिरिडीह कोर्ट पहुंची. कोर्ट में इस बात की जानकारी मिली कि इस रूपये पर M/S MECTEC ने अपना दावा किया है. यह कंपनी गुजरात की नीना शाह की है. कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि कमलेश रजनीकांत शाह ने कोर्ट ने जब्त रुपयों पर अपनी दावेदारी पेश की है. 

 

नीना शाह की कंपनी द्वारा की गयी दावेदारी की जांच आयकर विभाग ने की. इसमें पाया गया कि M/S MECTEC के अधिकृत प्रतिनिधि कोई और नहीं नीना शाह के पति ही हैं. उन्होंने लूट कांड की जब्त नकद राशि पर दावा पेश किया था. चूंकी जब्त राशि नकद थी. इसलिए नीना शाह और रजनीकांत शाह द्वारा ऐसे व्यापार का दस्तावेज तैयार किया गया जिसमें नकदी लेनदेन हो और GST का झंझट नहीं हो. चुंकि सब्जी की खरीद बिक्री नकद होती है. इसलिए इस गुजराती दंपत्ति ने अपनी कंपनी को सब्जी के व्यापार से जुड़ा बताया और सब्जी की खरीद बिक्री से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार किये. 

 

शाह दंपत्ति द्वारा तैयार दस्तावेज में सब्जी के व्यापार का टर्नओवर 1000 करोड़ रुपये बताया गया. सब्जी की खरीद बिक्री के दस्तावेज में किसानों से सब्जियां खरीदने और दूसरे शहरों में ले जाकर बेचने का ब्योरा दर्ज किया गया. आयकर विभाग द्वारा इन ब्योरों की जांच में पाया गया कि सब्जी को एक जगह से दूसरी कैसे पहुंचाया गया. इसका कोई उल्लेख नहीं था. यानी किसानों से सब्जियां खरीद कर उसे किस गाड़ी से किसी शहर में पहुंचाया गया इससे संबंधित कोई ब्योरा दस्तावेज में दर्ज नहीं था. 

 

कागज में सब्जी का व्यापार इसलिए दिखाया गया था कि गिरिडीह पुलिस द्वारा जब्त नकद राशि पर किये गये दावे को सही करार दिया जा सके. आयकर विभाग ने 1000 करोड़ के सब्जी व्यापार को दावे की जांच के लिए छापा मारा. छापामारी के दौरान हुई पूछताछ में शाह दंपत्ति ने सब्जी के व्यापार से संबंधित तैयार दस्तावेज के फर्जी होने की बात स्वीकार कर ली. साथ ही यह भी स्वीकार किया कि उनकी कंपनी किसी तरह का व्यापार नहीं करती है. जांच एजेंसियों द्वारा जब्त की गयी नकद राशि पर दावा करने के लिए इस तरह के दस्तावेज तैयार किये जाते थे. जब्त नकदी हासिल करने में कामयाबी मिलने के बाद कमीशन काट कर नक़द राशि उसके असली मालिक को लौटा दी जाती थी.

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