- टैक्स चोरी करने वालों में बिहार के मधुबनी, पूर्णिया, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण के युवा पेशेवर.
- टैक्स चोरी के इस खेल में झारखंड के रांची, जमशेदपुर और धनबाद के युवा पेशेवर भी शामिल.
- गुजराज की राजनीति दल आम जनमत पार्टी शामिल है, वह 5 प्रतिशत कमीशन काट कर बाकी पैसा लौटा देती है.
Ranchi : झारखंड आयकर (अनुसंधान शाखा) ने राजनीतिक दल को 2000 करोड़ रुपये का चंदा कर टैक्स चोरी करने के मामले का पर्दाफाश किया है. राजनीतिक दल को चंदा के नाम पर इस खेल में झारखंड-बिहार के युवा पेशेवरों के साथ गुजरात की आम जनमत पार्टी शामिल है. चंदा देकर टैक्स चोरी करने वालों में झारखं-बिहार के 500 से ज्यादा वैसे युवा पेशेवर शामिल हैं, जिनकी सालाना कमाई (सैलरी) करोड़ों है.
जानकारी के मुताबिक टैक्स चोरी के इस धंधे में शामिल राजनीतिक दल चंदा के रूप में मिली राशि में से पांच प्रतिशत कमीशन काट कर बाकी पैसा चंदा देने वाले युवा पेशेवरों को वापस लौटा देती है. युवाओं को पैसा लौटाने के लिए हवाला का इस्तेमाल किया जाता है. झारखंड आयकर विभाग द्वारा पर्दाफाश किया जाने वाला यह दूसरा बड़ा मामला है. इससे पहले गुजरात के ही शाह दंपत्ति द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर जांच एजेंसियों द्वारा जब्त किये गये काले धन पर दावा करने और वापस लेने का पर्दाफाश किया था.
राजनीतिक चंदा दे कर टैक्स चोरी करने वाले युवाओं में सबसे ज्यादा युवा पेशेवरों की संख्या बिहार के मधुबनी, पूर्णिया, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण की है. इसके अलावा राजनीतिक चंदा के नाम पर टैक्स चोरी करने के इस खेल में झारखंड के रांची, जमशेदपुर और धनबाद के युवाओं की संख्या भी कम नहीं है.
आयकर विभाग की अनुसंधान शाखा ने अब तक 500 से अधिक युवा पेशेवरों को सम्मन जारी कर पूछताछ किया है. पूछताछ के दौरान युवाओं ने राजनीतिक दल को चंदा देकर टैक्स चोरी करने की बात स्वीकार की है. साथ ही अपनी वास्तविक आमदनी पर टैक्स, सूद और दंड की रकम चुकाने का वायदा किया है.
राजनीतिक दल को चंदा देकर टैक्स चोरी करने में शामिल युवाओं से आयकर द्वारा की गयी पूछताछ के बाद अपनी वास्तविक आमदनी पर टैक्स, सूद और दंड की रकम सरकारी खजाने में जमा करना शुरू कर दिया है.
झारखंड आयकर विभाग ने राजनीतिक चंदा के नाम पर आयकर की चोरी के मामले में पिछले दिनों गुजरात की आम जनमत पार्टी के पदाधिकारियों के अहमदाबाद स्थित ठिकानों पर छापा मारा था. इसमें 100 से ज्यादा आयकर अधिकारी शामिल थे. आयकर विभाग ने छापामारी के दायरे में पार्टी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष सहित अन्य को शामिल किया.
छापेमारी के दौरान पार्टी के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने राजनीतिक चंदा के नाम पर टैक्स चोरी के धंधे में शामिल होने की बात स्वीकार की है. साथ ही चंदा के रूप में ली गयी रकम में से पांच प्रतिशत कमीशन काट कर हवाला के माध्यम से दान देने वाले युवाओं को बाकी पैसा लौटाने की बात स्वीकार की है. जांच के दौरान आयकर विभाग ने संबंधित हवाला कारोबारियों से भी पूछताछ की. हवाला कारोबारियों ने भी इस मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.
क्या है नियम
आयकर अधिनियमन 1961 की धारा 80GGB/80GGC के तहत राजनीतिक दलों को दी जाने वाली चंदे की रकम पर आयकर नहीं लगता है. यानी अगर किसी व्यक्ति की आमदनी सालाना एक करोड़ रुपये है. वह इसमें से 30 लाख रुपये किसी राजनीतिक दल को चंदा दे देता है तो उसे सिर्फ 70 लाख रुपये की आमदनी पर आयकर देना होगा. भारी भरकम पैकेज पर काम करने वाला युवा वर्ग इस आयकर अधिनियम का गलत लाभ उठा कर आयकर की चोरी करता है.
सीए ने भी गलती मानी
आयकर विभाग ने छापामारी के दायरे में आम जनमत पार्टी के सीए को भी शामिल किया था. सीए ने पूछताछ में यह स्वीकार किया था कि वह आम जनमत पार्टी द्वारा तैयार की गयी बैलेंस शीट पर अपना दस्तखत कर मुहर लगा देता था. उसने आम जनमत पार्टी का ऑडिट नहीं किया. बताया जाता है कि बाद में उसने प्रेस कांफ्रेंस कर सार्वजनिक तौर पर यह बात स्वीकार की.
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