अर्थिंग और तारों की जांच भी होगी
इससे यह भी मिलान किया जाएगा कि यह अंतर मामूली है या बहुत अधिक. यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या स्मार्ट मीटर लगने के पूर्व मीटर बाईपास करके बिजली चोरी तो नहीं की जा रही थी. अगर बिजली चोरी सामने आती है तो उपभोक्ता के साथ-साथ स्थानीय इंजीनियर, लाइन मैन, मीटर रीडर एवं अन्य फिल्ड स्टाफ भी इसकी जद में आएंगे. अधिक बिल आने में उपभोक्ता की घरेलू वायरिंग, अर्थिंग और तारों की जांच भी होगी.जेबीवीएनएल का दावा : राष्ट्रीय मानक पर खरे हैं मीटर
जेबीवीएनएल प्रबंधन के अनुसार, स्मार्ट मीटर में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है. कई स्तर पर जांच के बाद राष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरी कंपनी जीनस के मीटर को सिलेक्ट किया गया है. मीटर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना से जेबीवीएनएल इनकार कर रहा है. फिर कंज्यूमरों को संतुष्ट करने के उद्देश्य से थर्ड पार्टी जांच कराने का फैसला किया गया है.अब तक लग चुके हैं करीब 1.15 लाख स्मार्ट मीटर
रांची में अब तक करीब 1.15 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है. इनमें नया कनेक्शन के मीटर करीब 2,500 प्री-पेड हो चुके हैं. शेष में 10 हजार को छोड़कर सभी से रीडिंग शुरू हो चुकी है. एक मीटर लगाने का खर्च 6,800 रुपये आ रहा है. इसे भी पढ़ें – दिल्ली">https://lagatar.in/strategy-to-win-all-lok-sabha-seats-of-jharkhand-made-in-delhi-rahul-priyanka-kharge-will-hold-public-meetings/">दिल्लीमें बनी झारखंड की सभी लोकसभा सीट जीतने की रणनीति, राहुल, प्रियंका, खरगे की होंगी जनसभाएं : अविनाश पांडे [wpse_comments_template]
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