Hazaribagh : झारखंड के कई जिलों के मजदूर काम करने के लिए बाहर जाते है. हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद के 19 मजदूर श्रीलंका में फंसे हुए है. ये सभी वतन वापसी की गुहार लगा रहे है. मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से गुहार लगायी है. मजदूरों ने भारत सरकार और झारखंड सरकार के नाम संदेश भेजा है.
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कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से श्रीलंका गये थे
ये मज़दूर कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से श्रीलंका गए थे. जहां वे पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिलने से दाने-दाने के लिए मोहताज हैं. बताया जा रहा है कि सभी मजदूरो का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है. यह कोई पहला मामला नहीं है. जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबक़े के लोग विदेशों में फंस जाते हैं. पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आये हैं. पिछले गुरूवार को मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों में से 10 मजदूरों की वापसी हुई है, जबकि 20 मजदूर अभी भी मलेशिया में ही हैं.
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आज भी लोगों में पलायन का दर्द और रोजी-रोटी की चिंता
बताया जा रहा है कि मजदूरों को ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी ने श्रीलंका पहुंचाय़ा. वहां मजदूरों से काफी कम मजदूरी में काम कराया जा रहा है. मजदूर खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं. और फिर से अपने वतन वापस आना चाह रहे है. प्रवासी मजदूरों के हित में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने बताया कि यह इलाके की कोई पहली घटना नहीं है. जिसमें काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं. लेकिन उन्हें कई यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. इसके बाद वे काफी मशक्कत के बाद अपने वतन लौट पाते हैं. इन सबके बीच आज भी पलायन का दर्द और रोजी-रोटी की चिंता देखने को मिलती है.
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जानें कहां से कौन मजदूर श्रीलंका में फंसे
बगोदर(गिरिडीह)
वकिल महतो (बनपुरा)
कारू अंसारी (बनपुरा)
अब्दुल अंसारी (बनपुरा)
अख्तर अंसारी (बनपुरा)
फिरोज आलम (बनपुरा)
छत्रधारी महतो (बनपुरा)
देवानंद महतो (बनपुरा)
सहदेव महतो (बनपुरा)
रामचंद्र कुमार (बनपुरा)
प्रसादी महतो(ढिबरा)
प्रदीप महतो(घाघरा)
तुलसी महतो(घाघरा)
कोलेश्वर महतो(तारानारी)
सरिया(गिरिडीह)
तिलक महतो(चिचाकी)
राजेश महतो(चिचाकी)
डुमरी(गिरिडीह)
महेश महतो(टिंगरा)
तोपचांची(धनबाद)
मनोज कुमार(गोमो)
विष्णुगढ(हजारीबाग)
नागेश्वर महतो(भलुवा)
देवेन्द्र महतो(भलुवा)
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