Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए चुटिया थाना प्रभारी के खिलाफ हुई विभागीय कार्रवाई के बारे में पूछा है. प्रार्थी अजीत कुमार एवं अन्य की ओर से मुआवज़ा दिए जाने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. झारखण्ड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.
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राज्य सरकार के द्वारा सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
प्रार्थियों की ओर से झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता आकाश दीप ने अदालत में पक्ष रखा. उनके मुताबिक सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के द्वारा सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पूछा है कि चुटिया थाना में दर्ज सनहा नंबर 7/14 में अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई है इसकी जानकारी दी जाये. वहीं अदालत ने तत्कालीन चुटिया थाना प्रभारी और बुंडू थाना प्रभारी के खिलाफ क्या विभागीय कार्रवाई हुई इसकी भी जानकारी मांगी है.
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चुटिया थाना क्षेत्र से युवती के गायब होने का है मामला
दरअसल वर्ष 2014 में चुटिया थाना क्षेत्र से प्रीति नाम की एक युवती गायब हो गई थी. परिजनों द्वारा इसकी सनहा दर्ज कराये जाने के कुछ दिनों बाद बुंडू से एक युवती का शव पुलिस ने बरामद किया था. पुलिस का मानना था कि शव उसी युवती का हैं. जिसके बारे में चुटिया थाने में सनहा दर्ज करवाई गई है. इसलिए शव बरामद होने के बाद पुलिस ने रांची के अलग-अलग इलाकों से 5 युवकों को गिरफ्तार किया था. जिन्हें काफी लम्बे वक़्त तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा था. लेकिन इस बीच पुलिस जिस युवती की हत्या का दावा कर रही थी वह युवती वापस लौट आई जिसके बाद यह मामला काफी सुर्ख़ियों में रहा था. वहीँ जिस युवती की लाश बरामद की गई थी. उसके बारे में भी पुलिस अब तक स्पष्ट जानकारी नहीं इकट्ठा कर पायी है. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 मई की तिथि मुकर्रर की है.
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