Ranchi : प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोशिएशन (पासवा) की ओर से राज्यस्तरीय वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर कृषि मंत्री बदल पत्रलेख मौजूद थे. राज्यस्तरीय वर्चुअल मीटिंग का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह पिछले डेढ़ साल से स्कूल-कॉलेज बंद हैं. ऐसे में सरकारी स्कूलों के साथ निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को लेकर भी सरकार चिंतित है. इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, डॉ रामेश्वर उरांव, शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से अक्सर चर्चा करते हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों का टीकाकरण पूरा होने पर आवश्यक छूट दी जा सकती है. कृषिमंत्री ने कहा कि सरकार बुद्धिजीवी वर्ग की समस्याओं को लेकर चिंतित है. साथ ही उनकी मांगों पर विचार कर रही है.
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बंद हुए स्कूलों को बचाने का काम करेगी सरकार
पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्मायल अहमद ने कहा कि कोविड-19 के कारण डेढ़ साल से निजी स्कूल बंद हैं. जिससे इस स्कूलों के शिक्षक आर्थिक तंगी में हैं. साथ ही कहा कि कोरोना काल में बंद हुए स्कूलों को बचाने की जिम्मेवारी केंद्र और राज्य सरकार की है. उन्होंने सीएम से इसे लेकर पहल करने की अपील की.
निजी स्कूलों को बंद करने के लिए बनाया जा रहा है वातावरण
इस मौके पर पासवा प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने कहा कि निजी स्कूलों,छात्रों और अभिभावकों को आपसी तालमेल से बढ़ाई जारी रखना है. साथ ही कहा कि महामारी में निजी स्कूलों के खिलाफ जो माहौल बनाये जा रहे हैं, वो ठीक नहीं है. उन्होंने जिला अध्यक्षों को बच्चों को आनलाइन पढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया.
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