Ranchi : नयी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) का चौथा दिन झारखंड पैविलियन के नाम रहा. इस वर्ष झारखंड सरकार ने मेले में महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है.

राज्य के विभिन्न जिलों से आयी महिला कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों ने अपने हाथों से बनाए गए परिधानों, हस्तशिल्प और जैविक उत्पादों से आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया है. इन उत्पादों ने न सिर्फ झारखंड की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित किया है, बल्कि हज़ारों महिलाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता का मार्ग भी खोला है.
पैविलियन का सबसे बड़ा आकर्षण लाइव तसर सिल्क डेमो रहा, जहां प्रशिक्षित महिला कारीगर तसर कोकून से रेशम धागा निकालने की पारंपरिक प्रक्रिया का प्रदर्शन कर रही हैं. आगंतुकों के लिए यह अनुभव अनूठा रहा, क्योंकि वे प्रत्यक्ष रूप से देख पा रहे हैं कि किस तरह प्राकृतिक कोकून से धागा तैयार होता है .
करघे पर इसे कपड़े के रूप में बदला जाता है. तसर उद्योग झारखंड के आदिवासी और ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के लिए स्थायी आजीविका का स्रोत बना हुआ है.इसके अलावा पैविलियन में लगे महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल पर तसर परिधान, हस्तनिर्मित वस्त्र, प्राकृतिक उत्पाद और घरेलू सजावट की वस्तुओं की व्यापक विविधता देखने को मिली.
वहीं लाख चूड़ी हस्तशिल्प का स्टॉल भी आकर्षण का केंद्र बना रहा. झबर मल द्वारा संचालित इस स्टॉल से लगभग 400 महिलाएं जुड़ी हैं, जो लाख की चूड़ियां बनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं.
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