में बन रही झारखंड समेत 12 पूर्वोत्तर राज्यों की चुनावी रणनीति)
3948 केस में आरोपियों को सजा नहीं दिला पायी झारखंड पुलिस
झारखंड पुलिस 3948 केस में 8460 आरोपियों को सजा दिलाने में विफल रही. साक्ष्य के अभाव में ये रिहा हो गये. इस तरह पूरे राज्य में सजा दिलाने का प्रतिशत सिर्फ 14.88 ही रहा. इसके अलावा केस ट्रायल के दौरान गवाहों के मुकर जाने की वजह से 617 लोग रिहा हो गये. इसी तरह समझौता के आधार 2507 लोग रिहा किये गये. अन्य कारणों से 475 लोग रिहा हो गये. इसे भी पढ़ें : मणिपुर">https://lagatar.in/opposition-members-walk-out-of-parliamentary-committee-meeting-over-refusal-to-discuss-manipurs-situation/">मणिपुरकी स्थिति पर चर्चा से मना करने पर विपक्षी सदस्यों का संसदीय समिति की बैठक से walk out
सजा दिलाने में झारखंड के पांच जिले अव्वल
- गोड्डा : 21 कांडों में सजा, 12 में रिहाई, सजा का प्रतिशत 63.64
- पलामू : 11 कांडों में सजा, 9 में रिहाई, सजा का प्रतिशत 55
- चाईबासा : 147 कांडों में सजा, 206 में रिहाई, सजा का प्रतिशत 42
- सिमडेगा : 27 कांडों में सजा, 50 में रिहाई, सजा का प्रतिशत 35.06
- लोहरदगा : 37 कांडों में सजा, 127 में रिहाई, सजा का प्रतिशत 22.67
जाने पुलिस क्यों सजा दिलवाने में होती है नाकाम
नक्सलियों और अपराधियों को पकडने के बावजूद पुलिस उन्हें सजा दिलवाने में नाकाम होती है. दरअसल साक्ष्य की कमी, जांच में लापरवाही और गवाह के मुकर जाने के कारण पुलिस इनके दोष को साबित नहीं कर पाती है. कई बार गवाह मुकर जाते हैं, तो कई बार गवाह आरोपी पक्ष का ही निकल जाता है. इस तरह केस स्टैंड नहीं हो पाता, जिसका लाभ आरोपी को मिल जाता है. इसे भी पढ़ें : भाजपा">https://lagatar.in/money-in-bjp-office-dr-shyam-prasad-mukherjees-birth-anniversary/">भाजपाकार्यालय में मनी डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी की जयंती [wpse_comments_template]
Leave a Comment