Ranchi : झारखंड पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड गठन के बाद से अब तक कुल 1473 हथियार बरामद किए गए हैं. ये हथियार या तो नक्सलियों द्वारा जंगलों में छिपाकर रखे गए थे, या फिर पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ों में मारे गए या गिरफ्तार हुए नक्सलियों के पास से मिले.
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने साल 2011 में सबसे ज्यादा 110 हथियार बरामद किए. वहीं, झारखंड गठन के पहले साल यानी 2000 में कोई भी हथियार बरामद नहीं किया गया था. पुलिस के अनुसार, इतने बड़े पैमाने पर हथियार जब्ती से नक्सलियों की ताकत कमजोर हुई है और उनकी गतिविधियों पर लगाम लगी है.
साल-दर-साल बरामद हुए हथियारों का आंकड़ा :
- 2025 : 54
- 2024 : 41
- 2023 : 68
- 2022 : 87
- 2021 : 54
- 2020 : 53
- 2019 : 51
- 2018 : 48
- 2017 : 95
- 2016 : 103
- 2015 : 88
- 2014 : 100
- 2013 : 77
- 2012 : 86
- 2011 : 110
- 2010 : 75
- 2009 : 77
- 2008 : 42
- 2007 : 30
- 2006 : 26
- 2005 : 34
- 2003 : 20
- 2002 : 07
- 2001 : 23
- 2000 : 00
- कुल : 1473
साल 2025 में अब तक पुलिस के साथ मुठभेड़ में 29 नक्सली ढेर
झारखंड पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त अभियानों को नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिल रही है. 1 जनवरी से 15 सितंबर 2025 तक राज्य के विभिन्न जिलों जैसे लातेहार, चाईबासा, बोकारो, हजारीबाग, पलामू और गुमला में हुई मुठभेड़ों में कुल 29 नक्सली मारे गए हैं.
मारे गए नक्सलियों में 11 इनामी नक्सली भी शामिल थे, जिन पर सरकार ने कुल 3.15 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था. इनमें दो सेंट्रल कमेटी मेंबर, प्रयाग मांझी और सहदेव सोरेन, भी शामिल हैं. इनका मारा जाना नक्सली संगठनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. बता दें कि केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है.
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