झारखंड कांग्रेस के अंदर विवाद गरमाया, इस बार विधायकों की सीधी नाराजगी चारों मंत्रियों के कामकाज को लेकर
Ranchi : सरकार बनाने से पहले झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) कांग्रेस के अंदर जैसा उथल-पुथल होता था, वह सत्ता आने के बाद से और तेज हो गया है. पार्टी के अंदर विवाद की खबरें समय-समय पर सामने आती रही हैं. इस बार का विवाद कुछ ज्यादा ही गंभीर है. ऐसा इसलिए, क्योंकि दावा किया जा रहा है कि पार्टी के 17 विधायकों (4 मंत्रियों को छोड़कर) में से 9, कांग्रेस कोटे के ही मंत्रियों की कार्यशैली से नाराज हैं. आलम यह है कि 9 में से 4 विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप, विक्सल कोंगाडी और उमाशंकर अकेला ने गुरुवार एक आपात बैठक कर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर दी. हालांकि प्रदेश नेतृत्व इस बात से इंकार कर रहा है कि पार्टी के अंदर विधायकों में नाराजगी है, पर हकीकत यह है कि विधायकों के बैठक के पीछे कई कयास लगाये जा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें –रिटेल इंवेस्टर्स के लिए जरूरी खबर, 1 मई से यूपीआई के जरिये आईपीओ में 5 लाख तक कर सकेंगे पेमेंट
नाराज विधायकों के सामने खुले हैं तीन विकल्प
यू कहें तो इन विधायकों के सामने तीन प्रमुख विकल्प खुले हैं. इसमें एक विकल्प विधायकों का प्रेशर पॉलिटिक्स कर मंत्री पद की चाह है तो दूसरा इनके सामने विकल्प है कि वह भाजपा या जेएमएम में शामिल हो जाए. इसके अलावा तीसरा एक विकल्प यह भी है कि सभी आपस में अपनी अलग एक राजनीतिक पार्टी ही बना लें.
अपने-अपने समुदाय के कोटे से मंत्री पद चाह के लिए कर रहे प्रेशर पॉलिटिक्स!
कांग्रेसी विधायकों की नाराजगी का एक कारण मंत्री पद की चाह है. चारों विधायक अपने-अपने समुदाय की कोटे से मंत्री पद की चाह रखते हैं. इरफान अंसारी जो नाराज विधायकों का नेतृत्व कर रहे हैं, हमेशा कर रहे हैं कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा जरूरी है. इसके लिए वे पूर्व प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के कहे बातों का भी हवाला देते हैं. इरफान ने कहा था पूर्व प्रदेश प्रभारी ने ढाई-ढाई साल में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा की बात कही थी. चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व अपने कोटे के मंत्रियों में बदलाव कर सकता है. ऐसे में चारों सहयोगी जैसे इरफान अंसारी, आलमगीर आलम की जगह (अल्पसंख्यक कोटे से), विक्सल कोंगाडी या राजेश कच्छप, डॉ रामेश्वर उरांव की जगह (आदिवासी कोटे से), उमा शंकर अकेला, बन्ना गुप्ता की जगह (ओबीसी कोटे से) की जगह मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहते हैं.
एक विकल्प भाजपा या जेएमएम में शामिल होने का भी!
कांग्रेस कोटे के नाराज विधायकों के सामने एक विकल्प भाजपा या अपने प्रमुख सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में शामिल होने का भी है. बता दें कि यह चर्चा हमेशा आती रहती है कि कांग्रेस के कई विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं. कुछ माह पहले कांग्रेस के विधायक अनूप सिंह ने आरोप लगाया था कि सत्ता पक्ष के विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश हो रही है.
नाराज विधायकों के सामने खुद की राजनीतिक की पार्टी बनाने का भी है विकल्प!
एक विकल्प यह भी है कि कांग्रेस कोटे के नाराज सभी विधायक आपस में मिलकर एक नई राजनीतिक पार्टी ही बना लें. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पिछले दिनों विधानसभा में सरयू, सुरेश, लंबोदर, कमलेश जैसे विधायकों ने झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा नाम का एक तीसरा फ्रंट बनाया था. कांग्रेस के नाराज विधायक इसी तरह का एक काम कर जेएमएम या एनडीए नीत सरकार को बाहर से समर्थन दे सकते हैं.
इसे भी पढ़ें –सुप्रिया सुले के साथ वायरल वीडियो पर शशि थरूर का ट्रोलर्स को शायराना जवाब, तू कौन है… तेरा नाम है क्या…सीता भी यहां बदनाम हुई
[wpse_comments_template]