Ranchi : झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना का उद्देश्य भले ही सरकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुरक्षा देना हो, लेकिन इसके क्रियान्वयन में गंभीर खामियां सामने आ रही हैं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने विभाग के अवर सचिव को पत्र लिखकर योजना की व्यवहारिक चुनौतियों और बीमा कंपनी की लापरवाही की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है.
क्या है योजना?
सरकार की इस योजना के तहत राज्य के सरकारी कर्मचारियों को प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाना है. इसके लिए हर महीने कर्मचारियों के वेतन से 500 रुपये की कटौती भी की जा रही है. लेकिन कई कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
योजना की विशेषताएं
बीमा कवर : योजना के तहत 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाता है, जिसमें कर्मचारी, उनके पति या पत्नी, बच्चे और माता-पिता शामिल हैं.
कैशलेस इलाज : योजना के तहत कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है.
कर्मचारियों की शिकायतें
बीमा कंपनी की लापरवाही : कई कर्मचारियों ने बीमा कंपनी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
योजना को लेकर अस्पष्टता : योजना के संबंध में काफी अस्पष्टता है, जिससे कर्मचारियों को परेशानी हो रही है.
सुविधा की भारी कमी : कई कर्मचारियों ने योजना से जुड़ने का कोई औचित्य नहीं देखा और इसे छोड़ने की बात कही है.
अस्पतालों का सहयोग नहीं : सूची में शामिल कई अस्पताल बीमा की सुविधा देने से इनकार कर रहे हैं.
सीमित कवरेज : कुछ खास बीमारियों के इलाज का कवरेज ही कैशलेस मिल रहा है, दूसरे बीमारियों के लिए पैसा जमा करना पड़ रहा है.
अधिकारी की मांग
विभागीय अधिकारी ने योजना को “गैर-लाभकारी और अव्यवहारिक” बताते हुए इससे स्वेच्छा से बाहर निकलने की अनुमति मांगी है. उन्होंने यह भी लिखा है कि यह योजना कर्मचारियों पर आर्थिक बोझ बन रही है, जबकि अपेक्षित स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने बीमा कंपनी पर लापरवाही का आरोप आरोप लगाया है, जो कि एक गंभीर विषय है.