Ranchi : झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में इस्तेमाल होने वाले बख्तरबंद (MMPV) वाहनों की उपयोगिता की समीक्षा होगी. इस समीक्षा में तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा. पहला जिले में आवंटित बख्तरबंद वाहनों के उपयोग की जानकारी, दूसरा पिछले तीन वर्षों में इन बख्तरबंद वाहनों के उपयोग का आंकलन और तीसरा वर्तमान समय में बख्तरबंद वाहनों की वास्तविक आवश्यकता. उल्लेखनीय है कि झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने में बख्तरबंद वाहनों का उपयोग किया जाता था. हालांकि जैसे-जैसे नक्सलियों का प्रभाव कम होने लगा वैसे-वैसे इन वाहनों की उपयोगिता कम होने लगी. इसी को लेकर इन वाहनों के उपयोग की समीक्षा की जायेगी.
सात जिलों के 18 थाना क्षेत्रों तक सिमटे नक्सली
झारखंड में बीते दस साल के दौरान 113 थाना क्षेत्रों में नक्सली खत्म हुए हैं. झारखंड पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 में झारखंड के 131 थाना क्षेत्रों में नक्सल का प्रभाव था. लेकिन साल 2024 के अंत तक यह संख्या घटकर सिर्फ 18 रह गयी. सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाये जा रहे अभियानों के कारण अब सिर्फ सात जिलों के 18 थाना क्षेत्रों में ही नक्सलियों का प्रभाव है.
सात जिलों के 18 थाना क्षेत्रों में अभी भी है नक्सलियों का प्रभाव :
- – पलामू : मोहम्मदगंज, हरिहरगंज, पांकी.
- – चतरा : लावालौंग.
- – लातेहार : चंदवा, नेतरहाट.
- – लोहरदगा : कैरो, जोबांग.
- – हजारीबाग : कटकमसांडी, केरेडारी.
- – गिरिडीह : डुमरी, पीरटांड़.
- – चाईबासा : टोंटो, छोटानागरा, जाराईकेला, गोईलकेरा, टेबो, कराईकेला.
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