की मधुपुर सीट पर उपचुनाव 17 अप्रैल को, वोटों की गिनती 2 मई को
मौसम की जानकारी तुरंत देता है डॉप्लर रडार
डॉप्लर रडार काफी अत्याधुनिक है. यह झारखंड के पूरे हिस्से के मौसम बदलाव की तुरंत जानकारी दे सकता है. इसके रेंज का दायरा 400 किमी तक है. झारखंड का मौसम गर्मी के दौरान तेजी से बदलता है. यहां तक कि एक से चार घंटे की अवधि में भी अचानक मौसम बदल जाते हैं. आसमान में तुरंत काले बादल बनने लगते हैं. इसके कारण ही तूफान, ओलावृष्टि, वज्रपात और बारिश होती है. इससे प्राकृतिक आपदा भी होती है. खासकर खेती-किसानी से लेकर जानमाल की क्षति होती है. इस रडार से मिली जानकारी इस क्षति से बचा सकता है. पूरे राज्य के मौसम की जानकारी के लिए रांची मौसम विभाग का प्रबंधन ने इसे लगाने के लिए लंबे समय तक काफी प्रयत्न किया. लेकिन राज्य नेतृत्व में इच्छा-शक्ति नहीं होने की वजह से यह उपकरण दूसरे राज्यों को आवंटित कर दी गयी. यहां के वैज्ञानिकों के अनुसार, झारखंड सरकार की इसी उदासीनता का लाभ दूसरे राज्यों ने उठा लिया. वर्ष 2009 से अगले कुछ साल तक झारखंड को आवंटित कोटे अन्य राज्यों में जाते रहे. अब तो स्थिति यह है कि राज्य की ओर से इसकी मांग करने वाला नहीं रहा.2012 में हो चुकी थी तैयारी
मौसम विभाग के तत्कालीन निदेशक जीके मोहंती के समय यहां डॉप्लर लगाने की तैयारी हो चुकी थी. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इसके लिए जमीन भी मुहैया करा दी गयी. रडार के लिए इसके भवन की योजना भी बन गयी. लेकिन राज्य की ओर से कोई दबाव नहीं रहने के कारण ऐन मौके पर झारखंड का रडार दूसरे दबाव पड़ने पर दूसरे राज्य को दे दिया गया. रांची से मोहंती के जाते ही यह प्रयास करीब-करीब बंद हो गए हैं. इस बारे में मौसम विभाग के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद बताते हैं कि डॉप्लर रडार लगाने की सारी प्रक्रिया मौसम विभाग मुख्यालय के अधीन है. यह प्रक्रिया अभी चल रही है. कब लगाया जाएगा इसका कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है. इसे भी पढ़ें -LAGATAR">https://lagatar.in/sickle-cell-anemia-case-of-death-due-to-lack-of-blood-of-the-patient-two-employees-of-rims-blood-bank-suspended/38251/">LAGATARIMPACT: सिकल सेल एनीमिया मरीज की खून के अभाव में मौत का मामला, रिम्स ब्लड बैंक के दो कर्मचारियों पर गिरी गाज, एक सप्ताह के लिए निलंबित
Leave a Comment